योग क्या है ?
What Is Yoga ?
योग का अर्थ है जोड़ना, मिलना या एकत्र होना होना एकत्र होना होना ।
योग शब्द यजु धातु से बना है , जिसका अर्थ है जोड़ना। यानी की योग के द्वारा आत्मा का परमात्मा से मिलन ।
इसका वर्णन सर्वप्रथम ऋग्वेद में हुआ है ऋग्वेद में हुआ है।
योग चित्तवृत्ति निरोध (योग दर्शन, महर्षि पतंजलि) :- मन मैं आते जाते विचारों को रोकना ही विचारों को रोकना ही जाते विचारों को रोकना ही विचारों को रोकना ही योग हैं। योगा कर्मसु कौशलम् (भागवत गीता ) :- कर्म का कौशल रूप ही योग हैं । समत्वम योग उच्यते ( भागवत गीता) :- एकता ही योग हैं ।
योग चित्तवृत्ति निरोध (योग दर्शन, महर्षि पतंजलि) :- मन मैं आते जाते विचारों को रोकना ही विचारों को रोकना ही जाते विचारों को रोकना ही विचारों को रोकना ही योग हैं। योगा कर्मसु कौशलम् (भागवत गीता ) :- कर्म का कौशल रूप ही योग हैं । समत्वम योग उच्यते ( भागवत गीता) :- एकता ही योग हैं ।
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