प्राणायाम करने के सामान्य नियम
प्राणायाम करने का स्थान स्वच्छ एवं हवादार होना चाहिए। यदि खुले स्थान में अथवा जल नदी तालाब आदि के समीप बैठकर अभ्यास करें तो सबसे उत्तम हैं।
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प्राणायाम |
नगरों में जहां पर प्रदूषण का प्रभाव अधिक हो वहां पर प्राणायाम करने से पहले घी का दीपक अगरबत्ती या धूप बत्ती जलाकर उस स्थान को सुगंधित करने से बहुत अच्छा रहता है।
प्राणायाम करते वक्त बैठने के लिए आसन के रूप में कंबल दरी चादर योगा मेट अथवा चटाई का प्रयोग करें।
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Yoga Mat |
प्राणायाम के लिए सिद्धासन सुखासन या पद्मासन में मेरुदंड को सीधा रखकर बैठे जो लोग जमीन पर नहीं बैठ सकते वह कुर्सी पर बैठकर भी प्राणायाम कर सकते हैं।
प्राणायाम करते समय अपनी गर्दन रीड छाती एवं कमर को सीधा रखें।
स्वास सदा नासिका से ही लेना चाहिए इससे श्वास फिल्टर होकर अंदर जाता है। मुख से सांस नहीं लेना चाहिए सामान्य अवस्था में भी नासिका से ही सांस लेना चाहिए।
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Pranayam |
प्राणायाम करने वाले व्यक्ति को अपने आहार विहार आचार विचार पर विशेष ध्यान रखना चाहिए सदैव सात्विक एवं चिकनाई युक्त आहार ही लें जैसे फल एवं उनका रस हरी सब्जियां दूध घी आदि।
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