Headstand
शीर्षासन करने का सही तरीका, फायदे, नुकसान और सावधानियां
Shirshasana in Hindi.
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शीर्षासन |
शीर्षासन को सभी आसनों का राजा भी कहते है। इस आसन में शरीर उल्टा रहता है। व शरीर के वजन को अग्र भुजाओं पर संतुलित करना होता है। जबकि हमारा सिर आराम से जमीन पर टिका रहता है।
शीर्षासन का अभ्यास रोजाना नियमित तौर पर करने से शरीर को अनगिनत फायदे होते हैं । लेकिन शुरुआत में शीर्षासन का अभ्यास करना आसान नहीं होता है। तो आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताने जा रहा हूं शीर्षासन के अद्भुत फायदे और शीर्षासन करने का सुरक्षित तरीका तथा शीर्षासन करते समय रखने वाली सावधानियां आदि के बारे में।
शीर्षासन के लाभ :-
Benefits of headstand :-
- इस आसन से मस्तिष्क को शुद्ध रक्त प्राप्त होता है। जो हमारी आंख, नाक, कान इत्यादि रोंगों से बचाता है।
- pituitary और pineal glands को स्वस्थ करता है तथा मस्तिष्क को सक्रिय करता है, और एकाग्रता को बढ़ाता है।
- यह हमारे पाचन तंत्र पर आंतों और लिवर को सक्रिय करता है, और पेट की पाचन शक्ति को बढ़ाता है। अगर आप नियमित शीर्षासन का अभ्यास करते हैं तो आप गैस बनने की समस्या और कब्ज से बहुत जल्द छुटकारा पा लेंगे।
- यह आसन हर्निया, हिस्टीरिया, हाइड्रोसेल, नसों आदि में सूजन वृद्धि ठीक करता है।
- शीर्षासन थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है। मोटापे और कमजोरी दोनों को ही यह कम करने में लाभकारी है। यह दोनों बीमारियां थायराइड ग्रंथि के कामकाज के अनियमितता के कारण ही होती हैं।
- बालों का झड़ना, समय से पहले बालों का सफेद होना, नियमित शीर्षासन करके इन्हें ठीक किया जा सकता है।
- शीर्षासन mind ko relaxes करता है और तनाव मुक्त करता है।
- शीर्षासन करने से हाथ, कंधे, पैर और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं।
शीर्षासन करने की विधि :-
Method of doing headstand :-
Step 1:- शीर्षासन को करने के लिए 1 Yoga Mat या मोटा तोलिया जमीन पर बिछा लें। अब दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा कर सिर को दोनों हाथों के बीच Yoga Mat पर रख ले, और कोहनीयों को जमीन पर आराम से टीका ले।
Step 2 :- सिर का उपरी भाग नीचे आसन पर रखे तथा घुटनों को जमीन पर आराम से रखें। अब गर्दन और कोहनी पर शरीर का वजन डालते हुए और बैलेंस बनाते हुए पैरों को जमीन के स्तर पर सीधा करें।
Step 3 :- एक पैर के घुटने को झुकाते हुए इसे सीधे उठाएं और अब इसके बाद दूसरा पैर भी उठाए और पैरों को घुटने तक उठाएं ।
Step 4 :- एक-एक करके दोनों पैरों को ऊपर सीधा उठाने का प्रयास करें। जल्दबाजी ना करें धीरे-धीरे पैरों को सीधा करने का प्रयास करें।
Note :- शीर्षासन करते समय आंखों को बंद रखें और सांस सामान्यता (Breath Normally) लेते रहे।
Step 5 :- अब वापस मूल स्थिति में आने के लिए रिवर्स ऑर्डर में इन ही Steps का पालन करें।अब शीर्षासन के तुरंत बाद कुछ देर शवासन करें।
फिर सीधे खड़े हो जाएँ, ताकि माइंड की ओर बहने वाला रक्त परिसंचरण सामान्य हो जाएं।
Note- शीर्षासन के बाद बालासन करना बहुत अधिक फायदेमंद होगा।
आसानी से शीर्षासन सीखने के लिए, शीर्षासन कैसे करें :-
जब हम पहली बार शीर्षासन करते हैं तो बहुत कठिनाई होती हैं तो ऐसे में आप दीवार के सहारे से अभ्यास कर सकते हैं।
Step 1:- शीर्षासन करने के लिए दीवार के पास एक Yoga Mat बिछा लेंवें।
Step 2 :- अपनी कोहनियों को एक साथ लेकर अपनी उंगलियों को आपस में फंसा ले, और सिर को दोनों हाथों के बीच में रख ले। फिर अपने पैरों को स्वयं उठाने की कोशिश करें या किसी परिवार के सदस्य या मित्र की मदद से दोनों पैरों को उठाने का प्रयास करें।
Step 3 :- अपने पैरों को Wall के सहारे सहारे सीधा करें, जितनी देर आसानी से पैरों को रोक सके उतनी देर संतुलन बना करके रखें।
Step 4 :- अब वापस आने के लिए धीरे-धीरे स्वयं या किसी की मदद से सामान्य स्थिति में वापस आ जाए और कुछ देर के लिए शवासन में आराम करें।
शीर्षासन कितने Time तक करना चाहिए :-
Timing headstand :-
- शीर्षासन की शुरुआत 15 सेकेंड से करनी चाहिए और धीरे-धीरे आप इसे 30 मिनट तक बढ़ा सकते हैं । अगर आप इससे भी ज्यादा लंबे समय तक शीर्षासन करना चाहते हैं तो योगाचार्य/योगगुरु की देखरेख में ही करें।
- सामान्यता परिस्थिति में विशेष 5 से 10 मिनट के लिए ही करना चाहिए। इतना समय ही नियमित करने से बहुत फायदेमंद होगा।
शीर्षासन करते समय रखें जाने वाली सावधानियां :-
Precautions to be taken while doing headstand :-
- कान के दर्द और कान के स्राव में ये आसन न करें।
- अगर आपकी आंखों की अदूरदर्शिता कम हो या आंख अनावश्यक कारण लाल हो, तो इस आसन को न करें
- उच्च रक्तचाप के रोगी, ह्रदय रोगी, पीठ दर्द के रोगी इस आसन को ना करें।
- अगर आपने कोई भारी व्यायाम या आसन किया है तो उसके तुरंत बाद ना करें। इस आसन के दौरान शरीर का तापमान सामान्य हो।
- नजला -जुकाम होना या ठंड लगने पर इस आसन को न करें।
- बीमार, कमजोर, बूढ़े व्यक्तियों को इस आसन से बचना चाहिए।
- शुरुआती दौर में शीर्षासन योगाचार्य के मार्गदर्शन में ही करें।
- गर्दन में दर्द, कंधे में दर्द और सिर में भारीपन होने पर इस आसन को न करें।
- यह आसन अपनी क्षमता अनुसार ही शीर्षासन का अभ्यास करना चाहिए ।
शीर्षासन के नुकसान :-
Disadvantages of Headstand :-
- शीर्षासन का अभ्यास करने से पहले हमें इसके कुछ नुकसान / दुष्प्रभावों को भी जान लेना चाहिए-
- अधिकतर लोग शीर्षासन को योग शिक्षक की देखरेख में नहीं करते हैं , और हम उस में गलतियां करते हैं , जो कि हमारे लिए हानिकारक है।
- अगर कोई शीर्षासन लंबे समय तक गलत तरीके से करता है तो गर्दन में गठिया का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion) :-
शीर्षासन आपको स्वस्थ रीढ़, मस्तिष्क, आंखें, कान, पाचन शक्ति दे सकता है। यह सभी आसनों का राजा है। अधिकतम स्वास्थ्य लाभ के लिए इस आसन को किया जाता है।
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