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हास्य योग चिकित्सा || Comic yoga therapy

 हास्य योग चिकित्सा || Comic yoga therapy


 हमको सिर्फ हंसना और हंसाना है- हा हा हा, ही ही ही, हो हो हो, हे हे हे


हास्य योग चिकित्सा || Comic yoga therapy
हास्य योग

       आज के जनमानस को देखकर लगता है कि वह हँसना ही भूल गया है। जबकि हंसना हमारे स्वास्थ्य के लिए इतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि भोजन। मनुष्य धीरे-धीरे कई प्राकृतिक चीजें भूलता जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप उसके अंदर कई प्रकार की कमियां आती जा रही है। कई व्यक्ति तो सिर्फ इसलिए नहीं हंसते कहीं कोई उन्हें गंभीर मजाकिया न समझ ले ।

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       वही कुछ धनवान व्यक्ति या उच्च पदाधिकारी भी निम्न श्रेणी के कर्मचारियों के साथ चाहते हुए भी नहीं हंसते , क्योंकि उनका विचार है कि यदि मैं इनके साथ हसुंग तो कहीं यह लोग मुझे अपने स्तर का न समझ ले । यह सारी बातें निरर्थक है हंसने से एक साथ कई प्रकार की बातें घटित होती है। पूरा परिवेश बदल जाता है। पूरा वातावरण बदल जाता है , तथा मन निर्मल हो जाता है।

        हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान छा जाती हैं। पूरे शरीर में एक प्रकार का कंपन होता है। जिससे पूरा उदर प्रदेश प्रभावित होता है, और पाचन तंत्र की समस्याएं सुचारू रूप से काम करने लगती है। सांस की गति नियंत्रित होती है, जिससे निम्न रक्तचाप तथा उच्च रक्तचाप वालों को उचित लाभ मिलता है। फेफड़ों में हवा के प्रकोष्ठ द्वारा अंतर का वातावरण निर्मल होता है।

        रक्त का संचार तेजी से हृदय में प्रवेश कर कार्य प्रणाली सुचारू रूप से कार्य करने लगती हैं । पूरी 72000 नाडिया खुल जाती है। इस कारण कई प्रकार के व्यायाम का लाभ स्वतः ही मिल जाता है। यदि आप हंसते हैं तो सामने वाला व्यक्ति भी हंसता है, आप मुस्कुराते हैं तो सामने वाला व्यक्ति भी मुस्कुराता है, कोई भी व्यक्ति चाहे कितना ही क्रोधित क्यों न हो, आपकी सटीक मुस्कुराहट से वह भी प्रसन्नचित्त हो जाता है। कई कठिन से कठिन काम आसान हो जाते हैं।

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        खुलकर जी भर के हँसे- इससे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं। इससे आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है । यह प्राकृतिक चिकित्सा है। प्राकृतिक चिकित्सा है जो आपको अंदर से मनहूसियत एवं नकारात्मक को दूर कर सकती हैं। शायद दुनिया की यही एकमात्र ऐसी क्रिया हैं जिसका बिना पैसों के आदान-प्रदान हो सकता है। यह सामाजिक परिवेश को भी मजबूती प्रदान करती है, क्योंकि जब आप समूह में हंसते हैं तो आपको महसूस होता है कि आप अकेले नहीं है वरना आपके साथ शिष्टाचार लोग भी हैं ।

       यदि आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती हैं तो आपके कहीं भी पहुंचने पर वहां मौजूद लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है , और वहां का माहौल खुशनुमा हो जाता है। हंसने से क्रोध समाप्त होता है। आपका अहंकार स्वंय चला जाता है । लोभ ओर मोह दोनों का लोप चला जाता है। आपके अंदर करुणा आती है ।  इस प्रकार से आप कहीं धार्मिकता को स्पर्श कर लेते हैं आइए हम सब मिलकर हंसने और हंसाने को अपने जीवन का अंग बनाएं । अपने शरीर, मन, आत्मा का ही नहीं बल्कि पूरे समाज में,  देश में, समस्त विश्व को आनंद निर्मलता से परिपूर्ण करते हैं।

 आइए अब हंसे :-- हा हा हा , ही ही ही, हो हो हो ,हे हे हे

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