हेलो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कमर दर्द के लिए कुछ ऐसे आसन जो दिलाएंगे आप को कमर के दर्द से छुटकारा। आज के समय में महिलाओं में कमर दर्द की शिकायत ज्यादा पाई जाती है तथा युवाओं में भी काफी समस्या देखने को मिल रही है , जो कि कमर के दर से युवा भी ग्रस्त हैं। इसलिए मैं आज आपको कुछ ऐसे आसनों के बारे में बताऊंगा, जो कमर दर्द से हमें जल्द ही छुटकारा दिला सकते हैं । इसलिए यह सभी आसन ध्यान पूर्वक करें या किसी योग शिक्षक की देखरेख में करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा ।
तो चलिए आज हम आपको ऐसे आसनों के बारे में बताएंगे जो कमर के दर्द से छुटकारा दिलाते हैं।
भुजंगासन:-
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भुजंगासन |
पेट के बल जमीन पर लेट जाए पैरों को तान कर रखें एवं तलवे ऊपर आसमान की ओर रखें। अब हाथों के सहारे सिर ओर धड़ को ऊपर उठाएं । हाथों को कंधों के समीप रखे और हथेलियों को जमीन पर टिका कर। सिर और धड़ को धनुआकर रूप में धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। आसन पूरा हो जाने पर हथेलियों पर जोर दें, ताकि शरीर अच्छे से तना रहे दृष्टि सामने रखें। यही आसन 5 से 6 बार दोहराएं।
सावधानी:-
गर्भवती स्त्री यह आसन न करें तथा हानियां, गैस्ट्रिक अल्सर एवं हृदय रोगी इस आसन को सावधानीपूर्वक तथा योग शिक्षक की दृष्टि में ही करें।
चक्रासन:-
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चक्रासन |
पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों पैरों को मोड़कर एड़ियों को नितंब से सटा ले, एवं दोनों हाथों को कान के पास इस प्रकार रखें कि उंगलियों पैरों की तरफ रहे अब धीरे-धीरे सिर की तरफ वजन देते हुए मध्य वाले भाग से पूरे शरीर को ऊपर उठाएं । इसी अवस्था में कुछ देर रुके। मूल अवस्था में वापस आते समय श्वास बाहर छोड़ें एवं पहले सिर जमीन से टिकाए, फिर शरीर को नीचे लाएं। यह आसन अपनी क्षमता अनुसार अभ्यास करें।
सावधानी:-
गर्भावस्था महिलाएं एवं कमजोरी महसूस होने पर चक्रासन न करें ।चक्रासन का अभ्यास श्वास अंदर रोककर ही करना चाहिए।
अल्सर, हर्निया के रोग से पीड़ित व्यक्ति ना करें।
मकरासन:-
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मकरासन |
सर्वप्रथम पेट के बल लेट जाएं मगरमच्छ का सिर हमेशा उठा हुआ दिखाई देता है। वैसे ही आकृति बनाने के लिए अपने दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिकाए। अब गर्दन व सिर को उठाते हुए हथेलियों से गालों पर ठुड्ड़ी को सहारा दे। पूर्ण आराम की दशा में आंखों को बंद करते हुए ऊर्जा के उधर्वमुखी होने की कल्पना करें। सहज रूप से श्वाश-प्रश्वाश ले ।
धनुरासन:-
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धनुरासन |
पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। घुटनों से पैरों को मोड़ते हुए दोनों हाथों से एडियो के पास पकड़े एवं सिर और सीने को भी ऊपर उठाएं । हाथों को सीधे रखते हुए पैरों की मांसपेशियों में तनाव पैदा करते हुए खींचे। इस प्रकार आगे पीछे झूलते हुए हल्का व्यायाम भी कर सकते हैं।
सावधानी:-
आते, किडनी, अल्सर व हर्नियां आदि के रोग वाले इस आसन को न करें।
उच्च रक्तचाप एवं हृदय विकार वाले भी इस आसन को न करें ।
यह आसन खाली पेट करें क्योंकि पूरा जोर पेट पर ही पड़ता है।
अर्धमत्स्येंद्रासन:-
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अर्ध मत्स्येन्द्रासन |
दोनों पैरों को फैलाकर बैठ जाएं। बाएं पैर की एड़ी को मूलाधार के पास सिवनी स्थान पर रखें या दाहिनी नितंब के पास रखें। अब दाहिना पैर मोड़ने और दाहिने टखने को बाएं घुटने के ऊपर रखे । दाहिने घुटने पर बाई बगल टिखाएं अब दाहिने पैर के घुटने को बाएं पैर की बगल से अपनी तरफ धक्का देते हुए दाहिनी तरफ घूमे रे दृष्टि भूमध्य पर रखें। जितना मुड़ सकते हैं, मुड़े। परंतु बाएं हाथ से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़ना ना भूले। अब यही क्रम पैर बदलकर बाएं तरफ करें ।
सावधानियां:-
साइटिका, पेट का अल्सर, मेरुदंड संबंधी चोट वाले, गर्भवती महिलाएं, स्लिप डिस्क आदि रोग वाले इस आसन को कदापि न करें।
नोट :- इन आसनो को किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही करे | इन्हे करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले |
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