अष्ट सिद्धियां , Ashta Siddhi
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ashta siddhi |
साधक जब योग साधना द्वारा पंचमहाभूता पर विजय प्राप्त कर लेता है। तब उसे अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति होती हैं।
अणिमा महिमा चैव लघिमा गरिमा तथा |
प्राप्तिः प्राकाम्यमीशित्वं वशित्वं चाष्ट सिद्धयः ||
अष्ट सिद्धियां निम्नलिखित हैं--
1- अणिमा
2- लघिमा
3- महिमा
4- गरिमा
5- प्रकाम्या
6- प्राप्ति
7- इशित्व
8- वशित्व
1- अणिमा:-
सबसे पहली सिद्धि अणिमा है। इस सिद्धि की प्राप्ति होने पर साधक अपना आकार अणु के समान छोटा बना लेता है।
2- लघिमा:-
इस सिद्धि के द्वारा साधक अपने शरीर को रुई के समान हल्का बना कर हवा में उड़ा सकता है , और सृष्टि की किसी भी वस्तु को अपने पास लाकर इच्छा अनुसार उसने परिवर्तन ला सकता है।
3- महिमा:-
इस सिद्धि का उपयोग कर साधक अपने शरीर को पर्वत के समान विशाल बना सकता है।
4- गरिमा:-
इसके द्वारा साधक अपने शरीर को जितना चाहे उतना फैला या भारी बना सकता है।
5- प्रकाम्या:-
इस सिद्धि का उपयोग कर साधक कोई भी रूप धारण कर सकता है और इच्छाओं को पूर्ण कर सकता है।
6- प्राप्ति:-
इस सिद्धि का उपयोग कर साधक किसी भी वस्तु को प्राप्त कर सकता है तथा साधक रेगिस्तान में भी पानी प्राप्त कर सकता है।
7- इशित्व:-
इस सिद्धि का उपयोग कर साधक पदार्थों को अपनी इच्छा अनुसार प्रयोग कर सकता है। साधक पदार्थ को उत्पन्न तथा नष्ट कर सकता है।
8- वशित्व:-
इस सिद्धि का उपयोग कर साधक जीव जंतु तथा जड़ चेतन आदि को स्वयं के वश में कर सकता है। प्रकृति तथा परिस्थितियों को भी वश में कर सकता है।
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