महिलाओं के लिए प्राकृतिक स्वास्थ्य सप्लीमेंट
Nari Sudha Syrup Hindi Me
Nari Sudha Syrup |
पतंजलि नारी सुधा सिरप एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जो महिलाओं को पूरे महीने स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने में बहुत लाभकारी है। यह एक गर्भाशय टॉनिक है और महिलाओं में होने वाली दिक्कतों में बहुत ही लाभदायक है। इस दवाई का सेवन करने से स्त्रियों में पीठ दर्द, भूख नहीं लगना, थकान, एनीमिया, चक्कर आना आदि ठीक करने में काफी मदद करती है । यह दवाई महिलाओं के सौंदर्य और स्वस्थ के लिए हैं।
पतंजलि नारी सुधा आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण तैयार करके बनाई जाती है। यह महिलाओं के सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान कर देती हैं। यह नारी सुधा सिरप मुख्य रूप से महिलाओं के पीरियड्स के दिनों में काफी कारगर साबित होती है। कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव होने लगता है। जिसकी वजह से उन्हें पेट दर्द या कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो उसके लिए यह बहुत ही कारगर औषधि है।
अगर आपको भी पीरियड्स के दौरान ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो इस आर्टिकल को आप पूरा जरूर पढ़ें । क्योंकि यह आपके लिए ही है। इस आर्टिकल के द्वारा आप घर बैठे अपनी पीरियड्स के दौरान होने वाली सभी समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकती हैं।
तो आइए पतंजलि नारी सुधा सिरप में इसमें डलने वाले घटक तथा फायदे और सेवन विधि आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं-
पतंजलि नारी सुधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार आयुर्वेदिक औषधि है। यह महिलाओं की महावारी में सफेद स्राव का अधिक आना, पैर और बाहों में दर्द, कमर में दर्द, एनीमिया तथा मांसपेशियों की ऐंठन और थकान आदि जैसी समस्याओं को बहुत ही आसानी से खत्म करती है।
इस दवा का सेवन करने से महिलाओं में रोगाणुरोधी, एंटीमिक्राबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक वह कई प्रकार के खनिज तत्व की कमी पूरी हो जाती हैं। इस कारण इन सभी समस्याओं का इलाज बहुत ही आसानी से हो जाता है, तो दोस्तों आइए जानते हैं हम इस दवा में किन-किन जड़ी बूटियों का प्रयोग किया गया है।
पतंजलि नारी सुधा के घटक :-
Ingredients of patanjali Nari Sudha Syrup in Hindi :-
- रक्त चन्दन
- अशोक
- लोध्र
- मोचरस
- धातकी
- अश्वगंधा
- शतावर
- नागाकेशर
- नागरमोथा
- लाल सुपारी
- सोंठ
- जटामांसी
- आमला
- दारू हल्दी
- पत्रांग
- शुगर
परिरक्षक Preservative :-
- सोडियम मिथाइल पैराबेन
- सोडियम प्रोपाइल पैराबेन
- सोडियम बेन्जोएट
- सिट्रिक एसिड
- फ्लेवर q.s.
आइए जानते हैं नारी सुधा सिरप दवा में प्रयुक्त कुछ जड़ी-बूटियों के बारे में -
अशोक Ashok :-
अशोक की छाल का उपयोग आयुर्वेद में स्त्रियों के रोगों के लिए किया जाता है। यह स्वभाव से शीत होता है, और प्रजनन तथा मूत्र अंगों पर विशेष रूप से कार्य करता है। यह गर्भाशय की कमजोरी तथा योनि की शिथिलता को दूर करता है। यह कड़वा, ग्राही, रंग को सुधारने वाला तथा सूजन दूर करने वाला और रक्त विकारों को नष्ट करने वाला होता है।
अशोक की छाल रक्तशोधक में बहुत ही लाभकारी होती है। अशोक स्त्री रोगों में बहुत ही फायदा करता है । इसके सेवन करने से बाँझपन नष्ट होता है और राजोविकर रोग दूर होता है। यह दर्द, सूजन, रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर, अतिसार पेशाब में दर्द पथरी में लाभदायक है।
शतावर
शतावर का उपयोग महावारी पूर्व सिंड्रोम, गर्भाशय में रक्त स्राव तथा नई मां में दूध उत्पादन शुरू करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त शतावर पेट से संबंधित बीमारियों में भी काम करता है। जैसे कि अपच, कब्ज, पेट में ऐठन और पेट में अल्सर, पेट दर्द, चिंता, कैंसर, मधुमेह, मनोविकार रोग आदि में जो किया जाता है। इसका उपयोग यौन इच्छा बनाने के लिए भी किया जाता है
यह विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों को बहुत आराम देता है और संकुचन को रोकता है। यह गर्भपात को रोकने और समय पूर्व प्रसव को रोकने में भी मदद करता है।
लोध्र
लोध्र को संस्कृत भाषा में लोध्र कहते हैं। इसे तिल, तिरीटक, मालव, गाल्व, हस्ती, हेमपुष्पक, मालव आदि नामों से भी जानते हैं। इसे हिंदी में लोध कहते हैं, तथा बंगाली में लोधकाष्ठ, और मराठी में लोध, तथा गुजराती में लोदर कहते हैं।
यह है अतिसार आम तथा रक्त अतिसार श्वेत प्रदर तथा रक्त प्रदर के उपचार के लिए बहुत ही लाभकारी होता है यह स्त्रियों की प्रदर की समस्या के लिए एक प्रमुख कौन औषधि हैं।
लोध्र वृक्ष की छाल को मुख्य रूप से औषधि बनाने के लिए उपयोग किया जाता है । लोध्र छाल को आयुर्वेद में कषाय रस और बल्य माना जाता है । यह अन्य द्रव्यों के साथ या अकेले ही कई दवाओं के रूप में प्रयोग की जाने वाली एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसका प्रयोग आंतरिक और बाह्य दोनों ही प्रकार से किया जा सकता है।
अश्वगंधा
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक टॉनिक है यह वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाने वाली एक आयुर्वेदिक औषधि हैं।
अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, चक्कर आना, बेहोशी, अनिद्रा तथा अन्य मानसिक विकारों के लिए एक अच्छी आयुर्वेदिक औषधि हैं। स्त्रियों लिए भी अश्वगंधा अच्छी औषधि हैं। स्त्रियों को अश्वगंधा का सेवन कराने से स्तनपान कराते समय दूध की मात्रा में वृद्धि होती है। यह हार्मोन को नियंत्रित करता है तथा हार्मोन को दोबारा बनाता है। प्रसव के बाद यह शरीर को बल देता है । इसका सेवन करने से वात कफ कम होता है। अगर इसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो यह पित को बढ़ा सकता है।
अश्वगंधा मुख्य रूप से वसा, मांसपेशियों, अस्थि, मज्जा /नसों प्रजनन अंगों के साथ-साथ यह पूरे शरीर पर काम करता है।
अश्वगंधा मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, तथा कामोद्दीपक औषधि है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली एक अचूक औषधि है।
सोंठ
अदरक का सुखा हुआ पाउडर या अदरक का सूखा रूप सोंठ कहलाता है। सोंठ का उपयोग भोजन में मसाले के रूप में तथा दवा दोनों के रूप में ही किया जाता है। सोंठ का उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही पाचन और सांस के रोगों के लिए औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है।
इसमें एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण होते हैं।
दारुहल्दी
पाइल्स, हेमरेज, खुजली, चमड़ी के रोगों, पीलिया, और आंतरिक फोड़ों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नीम और हल्दी की ही तरह यह भी शरीर से गंदगी दूर करती है।
नारी सुधा सिरप के फायदे :-
Benefits of Nari Sudha Syrup in Hindi :-
पीरियड्स के टाइम ताकत प्रदान करती है –
सफेद स्राव को रोकने में सहायक -
एनीमिया की बीमारी में –
असामान्य मासिक धर्म से उपयोगी –
यदि आप भी असामान्य मासिक धर्म के कारण परेशान है तो आपको पतंजलि की नारी सुधा सिरप का सेवन करना जरूर करना चाहिये । यह आपके शरीर में हार्मोन्स की कमी व असामान्य गति व गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं को जल्द से जल्द ठीक करने में मदद करती हैं । इससे के सेवन करने से आपको कभी भी मासिक धर्म की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
नारी सुधा सिरप के अन्य फ़ायदे -
Nari Sudha Syrup other benefits -
- स्त्री रोग में
- भूख नहीं लगने में
- पीठ दर्द में
- खून की कमी, थकान, चक्कर आना
- स्त्री टॉनिक है
- स्त्रियों के प्रदर रोग (श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर)में
- पीरियड की समस्या / मासिक धर्म रोग , जैसे की बहुत अधिक स्राव, अनियमित स्राव, दर्द आदि का होना
- श्वेतप्रदर / योनि से सफ़ेद पानी का जाना
नारी सुधा सिरप की सेवन विधि और प्रयोग मात्रा -
Dosage of Nari Sudha Syrup in Hindi -
- 1-2 टेबल चम्मच दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे खाना खाने करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
नारी सुधा सिरप के इस्तेमाल में सावधनियाँ -
Nari Sudha Syrup Cautions in Hindi-
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
नारी सुधा सिरप के साइड-इफेक्ट्स -
Nari Sudha Syrup Side effects in Hindi-
- निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
नारी सुधा सिरप को कब प्रयोग न करें -
Nari Sudha Syrup Contraindications in Hindi-
- इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान डॉक्टर से बिना पूछे नहीं लें।
- यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
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