बवासीर के लिए रामबाण औषधि है दिव्य अर्शकल्प वटी
Patanjali Divya Arshkalp Vati Hindi me.
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अर्शकल्प वटी |
नमस्कार दोस्तों, आज हम आप से बात करने वाले हैं पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक औषधि Patanjali Divya Arshkalp Vati Hindi me के बारे में, दिव्य अर्शकल्प वटी क्या है तथा इसके फायदे, उपयोग विधि के बारे में हम आज आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं दिव्य अर्शकल्प वटी के बारे में-
दिव्य अर्शकल्प वटी क्या हैं? What is Divya Arshkalp vati :-
अर्शकल्प वटी आयुर्वेदिक बोलती है इसे इस के नाम से ही गुणों को ज्ञात किया जा सकता है दिव्य अर्शकल्प वटी मुख्य रूप से अर्थ के लिए हैं अर्थात बवासीर या पायलट के लिए हैं जिसे यह मुख्य रूप से जड़ से खत्म करता है तथा इसके साथ साथ ही हैं भगंदर जैसे लोग को भी खत्म करने की क्षमता रखती है और पाचन से जुड़े विकार पीलिया जैसे आदि रोगों का भी नाश करती हैंइसका उपयोग करने से पहले आइए हम जान लेते हैं कि बवासीर क्या है?
बवासीर क्या है What is Piles :-
बवासीर रोग में गुदा के आसपास सूजन आ जाती है, जिससे मनुष्य के बाहरी या आंतरिक हिस्से में मस्से बन जाते हैं। जिससे बहुत अधिक पीड़ा व्यक्ति को सहनी पड़ती है।
यह दो प्रकार की होती है-
बादी बवासीर- इस में रोगी के गुदा द्वार पर मस्से बन जाते हैं, जो काफी पीड़ादायक होते हैं।
खूनी बवासीर- खूनी बवासीर में मस्सों से खून गिरने लगता है, जिससे स्थिति काफी गंभीर हो जाती है और पीड़ा भी काफी बढ़ जाती है।
बवासीर के कारण Causes of Piles :-
- मोटापा
- गर्भावस्था के दौरान
- कब्ज़ के कारण
- वंशानुगतता के कारण|
अर्शकल्प वटी के फायदे Benefits of Divya Arshkalp vati :-
- बवासीर (piles)
- भगंदर में लाभकारी
- बदहजमी के लिए
- पाचन तंत्र के विकार
- कब्ज़ में आराम मिलता है
- जलन में राहत
- पेट दर्द में होना
- मांसपेशियों को मजबूती देना
- रक्त की शुद्धी
- पीलिया में
- सूजन में
दिव्य अर्शकल्प वटी मुख्य घटक Divya Arshkalp vati ke ghatak :-
- शुद्ध रसोंत
- हरीतकी
- निम्बोली
- बकायन
- मकोय
- घृतकुमारी
- नाग दौना
- रीठा
- देसी कपूर
- खून खराबा
सेवन विधि Arshkalp vati ki sevan vidhi :-
- 1 - 2 गोलियों का सेवन करें।
- भोजन करने से पहले पानी या मट्ठे के साथ सेवन करें।
सावधानियाँ Divya Arshkalp vati ki savdhaniya :-
- गर्भवती महिला को इसके सेवन से परहेज करें।
- इसका सेवन करने से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य ले।
- यदि आप पहले ही किसी रोग से ग्रसित हैं तो इसकी जानकारी अपने चिकित्सक को देकर ही इसका सेवन शुरू करें।
- बच्चो की पहुँच से इसे दूर रखना है।
- इसकी तासीर गर्म होती हैं इसलिए पित्त प्रधान व्यक्ति इसका सेवन चिकित्सक के अनुसार बताई गयी मात्रा में ही करें।
उपलब्धता :-
- नजदीकी पतंजलि स्टोर या ऑनलाइन माध्यम द्वारा।
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