दिव्य मधुनाशिनी वटी पतंजलि के फायदे तथा सेवन करने की विधि
दोस्तों में आज आपको इस ब्लॉग में बताने जा रहा हूं पतंजलि मधुनाशिनी वटी के बारे में , तो आइए नीचे हम जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी![]() |
दिव्य मधुनाशिनी वटी |
दिव्य मधुनाशिनी में डलने वाले मुख्य घटक-
➤गुडुची,➤ जामुन, ➤ कुटकी, ➤ नींब, ➤ चिरायता, ➤गुड़मार, ➤करेला, ➤ कुटुज, ➤ गोझुर, ➤हल्दी, ➤ कालमेघ, ➤बबूल फली, ➤काली जीरी, ➤अतीस कड़वा, ➤अश्वगंधा, ➤ बिल्व, ➤ त्रिफला, ➤वटजटा आदि का घनत्व , ➤शिलाजीत , ➤ मेथी आदि।
दिव्य मधुनाशिनी वटी के फायदे तथा मुख्य गुण-
- यह अग्नाशय को क्रियाशील कर अग्नाशय में इंसुलिन का सही मात्रा में स्राव करती है, इसके माध्यम से अतिरिक्त ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में परिवर्तित करती रहती है।
- यह कमजोरी वे चिड़चिड़ापन दूर करती है तथा मस्तिष्क को ताकत प्रदान करके उसकी कार्य क्षमता बढ़ाती है हाथों पैरों में आई कमजोरी को दूर कर बलिष्ठ बनाती है।
- यह मधुमेह की वजह से होने वाली थकान कमजोरी तनाव आदि समस्याओं से छुटकारा दिलाती हैं।
- बहुत प्यास लगने तथा बार-बार मूत्र जाना, वजन घटना, आंखों में धुंधलापन , थकान महसूस होना , मसूड़ों का संक्रमण आदि विकारों में रक्षा करती है।
- मधुनाशिनी वटी से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं।
Read more- डायबिटीज के लिए रामबाण औषधि है पतंजलि दिव्य मधुग्रिट टेबलेट || Patanjali Divya Madhugrit Hindi Me
दिव्य मधुनाशिनी वटी लेने की विधि तथा मात्रा-
- 2-2 गोली सुबह प्रातः नाश्ते तथा शाम को भोजन से एक घंटा पहले पानी के साथ ले या सुबह नाश्ता वह रात्रि में भोजन के पश्चात गुनगुने पानी या दूध से सेवन करें।
- यदि आप शुगर के लिए इंसुलिन औषधि लेते हैं तो मधुनाशिनी प्रारंभ करने के 2 सप्ताह बाद पुनः परीक्षण कर ले जैसे जैसे शुगर का स्तर सामान्य आता जाए वैसे वैसे अंग्रेजी औषधि को धीरे-धीरे कम कर दें
- मधुनाशिनी की मात्रा भी जैसे-जैसे शुगर कम होती जाए वैसे वैसे कम करते जाएं।
0 टिप्पणियाँ
कृपया comment box में कोई भी spam link न डालें।