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दिव्य धारा के फायदे, घटक, प्रयोग विधि तथा सावधानियां || Patanjali Divya Dhara Hindi me

 Patanjali Divya Dhara Hindi me

     दोस्तों, आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा बनाई गई Patanjali Divya Dhara के बारे में। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके बारे में हम आज आपको इस ब्लॉग में विस्तार से बताएंगे। जैसे कि इसके फायदे, इस में डलने वाले घटक तथा इसे प्रयोग करने की विधि । अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आती है तो इसे आप अपने दोस्तों तथा रिश्तेदारों को शेयर करना ना भूले। तो आइए जानते हैं Patanjali ki divya Dhara  Hindi me के बारे में-


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Divya Dhara


    दिव्य धारा क्या है Divya Dhara Kya Hain :-
    What is Divya Dhara :-

         बदलते मौसम के कारण अधिकतर लोग सर्दी-जुकाम और गले की खराश की समस्या होना आम बात है। जिसका सामना अधिकतर लोगों को करना पड़ता है। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के बीच सर्दी-जुकाम या फिर गले में खराश होना जैसे लक्षण होना आपको डरा देते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम कई तरह के दवाओं का सेवन करते हैं। योगगुरु स्वामी रामदेव जी के अनुसार मौसम से होने वाले सर्दी-जुकाम की समस्या में दवाओं का सेवन करना खतरनाक भी साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि दवाओं के बदले आप घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। इसी प्रकार Patanjali Divya Dhara भी घरेलू उपायों के आधार पर बनाई गई है।

         सर्दी-जुकाम की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए Patanjali Divya Dhara  काफी कारगर साबित हो सकता है। यह गले की ख़राबी और बंद नाक को भी खोलने में काफी मदद करती है।  मार्केट में यह आसानी उपलब्ध हो जाती है। लेकिन आप चाहे तो घर पर ही दिव्य धारा बना सकते हैं। 


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    दिव्य धारा बनाने की विधि Divya Dhara Bnane Ki Vidhi :-

         योगगुरु स्वामी रामदेव जी के अनुसार दिव्य धारा बनाने के लिए आपको कोई स्पेशल चीज की जरूरत नहीं है। इसके लिए एक बाउल में 1 चम्मच पिपमिंट, एक चम्मच अजवाइन शत और  शुद्ध कपूर डालकर मिला लें, साथ ही इसमें 1 चम्मच लौंग या यूके लिपटिस ऑयल डालकर मिला कर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। आप देखें कि यह लिक्विड में बदल गया है। आप अब इसे एक साफ बोलत में भर लें। 


    दिव्य धारा में डलने वाले घटक Divya Dhara ke Ghatak :-
    Components of Divya Dhara :-

    • पुदीना
    • कपूर
    • अजवाइन
    • लौंग का तेल
    • नीलगिरी तेल आदि।

    दिव्य धारा कैसे कार्य करती है :-
    How it works Divya Dhara :-

    • इसमें पुदीना पेट की समस्याओं जैसे - गैस, भारीपन, अपच की समस्या में आराम करता है।
    • कपूर में हीलिंग के गुण होते हैं, जो कि त्वचा की समस्याओं के लिए अति लाभकारी है। जैसे- मुहासे , फुंसी- फोड़े आदि।
    • कपूर सिरदर्द, खांसी, जुखाम, आंखों की कमजोर दृष्टि तथा सूजन आदि में फायदेमंद है।
    • अजवाइन सीने में जलन, एसिडिटी, पेट संबंधी विकार, उल्टी- दस्त, मासिक धर्म रुकावट, खांसी- जुखाम आदि लक्षणों में लाभदायक है।
    • लौंग का तेल संक्रमण को खत्म करने का कार्य करता है।
    • इसे दांतों का दर्द , इम्यूनिटी पावर, यौन क्षमता, थकान तनाव, कान दर्द आदि लक्षणों के लिए चुना गया है।

    दिव्य धारा के फायदे Divya Dhara Ke Fayde :-
    Benefits of Divya Dhara :-

    दवा से होने वाले फायदे निम्नलिखित है-

    • सिर दर्द से आराम दिलाने में सहायक
    • अस्थमा में लाभदायक
    • दांतों के दर्द के लिये
    • कान संबंधी समस्त रोगों में लाभदायक
    • पाचन तंत्र की कमजोरी दूर करता हैं
    • नाक से खून बहने को रोकता है
    • कफ तथा बलगम पर नियंत्रण
    • छाती की जकड़न मिटायें
    • मांसपेशियों के दर्द में लाभकारी
    • पेट संबंधी समस्याएं जैसे अपच, गैस, कब्ज आदि का इलाज
    • जुकाम, खाँसी में लाभकारी
    • शारीरिक सूजन को कम करने में फायदेमंद
    • विषाणुजनित संक्रमणों की रोकथाम करता है
    • दमा में लाभकारी है
    • त्वचा रोगों के लिए उपयोगी दवा है ,आदि।


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    दिव्य धारा उपयोग करने की विधि Divya Dhara Use Krne Ki Vidhi :-
    Use of Divya Dhara :-

    • विभिन्न रोगों के लिए, Divya Dhara की प्रयोग करने की विधि अलग-अलग हो सकती है, जैसे मसाज करना, कश खींचना (Inhalation) या मौखिक सेवन।
    • जब भी आपको सर्दी-जुकाम, नाक या कान बंद की समस्या हो तो इसे सूंघ लें।
    • इसके लिए आप थोड़ा सा दिव्य धारा रूमाल में डालकर सूंघ सकते है।
    • अगर आपकी सुबह उठते ही नाक और कान बंद हो जाते हैं तो इसके लिए रात को तकिया में कुछ बूंदे दिव्य धारा की डलें। इससे आपको बहुत लाभ मिलेगा।
    • आप स्टीम लेते समय इसमें दिव्य धारा में से 4-5 बूंद डाल सकते हैं। 
    • सिरदर्द के होने पर, दिव्य धारा की 3-4 बूंदें लें और ललाट पर अच्छे से मालिश करें।
    • अस्थमा या सांस की समस्या होने पर, दिव्य धारा को सूंघे  या छाती पर मालिश कर ले।
    • दाँत दर्द के दौरान, दिव्य धारा की कुछ बूंदे रुई पर लें कर दर्द वाले दाँत पर लगा ले।
    • पेट दर्द या पेट गैस की समस्या में, गर्म पानी में 3-4 बूंदें मिलाकर इसका सेवन कर ले।
    • शिशु के लिए, Divya Dhara को कपड़े या बिस्तर पर कुछ बुंदे लगाकर रख दें।
    • निर्धारित मात्र से ज्यादा का उपयोग न करें।

    दिव्य धारा के दुष्प्रभाव Divya Dhara Ke side effects :-
    Side effects of Divya Dhara :-

    इस दवा के अभी तक कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं। कभी - कभी विशेष परिस्थिति में दिव्य धारा को लगाने से  जलन सी महसूस होती है। जो अकल्पनीय है। इसकी ज्यादा जानकारी लेने के लिए आप आयुर्वेदिक चिकित्सक से  सलाह ले सकते हैं।


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