भागदौड़ भरी जिंदगी में छोटी-छोटी समस्याएं पता नहीं कब आपको ब्लड प्रेशर का मरीज बना दें। अगर हम ब्लड प्रेशर की दवाइयां खाते हैं तो , या किसी डॉक्टर से सलाह लेते हैं , तो वह बहुत सारी दवाइयां दे देते है । जो कि ब्लड प्रेशर का स्थाई समाधान नहीं है। उनसे कुछ दिनों के लिए आराम तो मिल सकता है । लेकिन स्थाई समाधान नहीं मिल सकता , और अंग्रेजी दवाइयों को खाने से साइड इफेक्ट भी बहुत ज्यादा होता है। इसलिए ब्लड प्रेशर की नियंत्रित करने के लिए हमें अंग्रेजी दवाइयों का सहारा न लेकर योग द्वारा ब्लड प्रेशर का स्थाई इलाज करना चाहिए। जो कि आपके पैसों की बचत तो करेगा ही साथ में अंग्रेजी दवाइयों के साइड इफेक्ट से बचाएगा, और आपकी पूरी बॉडी की इम्युनिटी पावर बढ़ाकर आपको शारीरिक शक्ति प्रदान करेगा । तो चलिए आज के इस ब्लॉग में हम आपको ऐसे ही 5 आसनों के बारे में बताएंगे जो आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में बहुत ही सहायक होंगे। नीचे बतायें अभ्यास को किसी योग्य योग शिक्षक की देखरेख में करें।
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पश्चिमोत्तानासन:-
विधि:-
सावधानी:-
गर्भवती स्त्रियां , तीव्र कमर दर्द और साइटिका वाले रोगी यह आसन न करें।
शवासन:-
विधि:-
पेट के बल लेट जाएं हाथों को दोनों तरफ कमर के समकक्ष रखें हथेलियां आकाश की तरफ अब खुली रखें। एड़िया आपस में मिली हुई हो, और पंजो के बीच निश्चित दूरी बनाए रखें। आंखें बंद रखें। जीब स्थिर रखें। अब धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। एकाग्रता बढ़ाने के लिए श्वास पर ध्यान दें। कुछ देर बाद नाड़ियां निष्क्रिय हो जाती है। साधक कि निश्चलता बढ़ने लगती है एवं वह हल्कापन व प्रसन्नता अनुभव करने लगता है। पूरे शरीर में शक्ति के प्रवाह का अनुभव किया जा सकता है। इसे लगभग 5 से 10 मिनट तक करें।
अनुलोम विलोम प्राणायाम:-
विधि:-
सावधानियां:-
स्वास्थ के लिए ध्वनि रहित होने चाहिए। दोनों नासिका छिद्रों से बराबर लय बनाते हुए सांसे ले । सीना कम ज्यादा न फैलाएं।
पर्वतासन:-
विधि:-
शरीर के नितंब वाले भाग को ऊपर उठाते हुए पैरों के पंजों को जमीन पर स्थापित करें। शरीर की अंतिम स्थिति में कमर तथा नितंब अधिक से अधिक ऊपर हो पैरों के पंजे आपस में मिले हुए । दृष्टि नाभि को देखते हुए हो।
सुखासन:-
विधि:-
आराम से जमीन पर घुटने मोड़ते हुए पालथी मारकर बैठ जाए हाथों का गोद में या घुटनों पर रखें । मेरुदंड, ग्रीवा व सिर सीधे रखें।
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