पतंजलि श्वासारि प्रवाही के फायदे तथा उपयोग करने की विधि
Patanjali Divya Swasari Pravahi in Hindi
दोस्तो आज में इस ब्लॉग में हम बात करेंगे Patanjali Divya Swasari Pravahi के बारे में जो कि स्वास रोगों, फेफड़ों की सभी समस्याओं में बहुत ही लाभकारी हैं। दोस्तो अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगे तो आप इसे अपने दोस्तों तथा रिस्तेदारों को अवश्य शेयर करे ताकि वह भी इस आयुर्वेदिक दवाओं का फायदा उठा सके-
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Divya swasari pravahi |
पतंजलि दिव्य स्वसरी प्रवाही सिरप फेफड़ों की कोशिकाओं को सक्रिय करती है। यह श्वसन तंत्र और फेफड़ों की सूजन को भी कम करती है। इसके उपयोग करने से फेफड़ों में जमा कफ आसानी से बाहर निकल जाता है। यह एक प्रभावी Ayurvedic दवा है जिसका उपयोग अस्थमा के इलाज के लिए भी किया जाता है। यह सांसों की समस्या से भी राहत दिलाता है। सांस की अन्य समस्याओं के इलाज के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
यह एक प्राकृतिक ओर आयुर्वेदिक तरीके से श्वसन रोगों का इलाज करती है और इसका प्रयोग करने से फेफड़े कुशलता से कार्य करने लग जाते है। यह श्वसन कोशिकाओं को पोषण प्रदान करती है। यह कई औषधीय जड़ी- बूटियों को मिलाकर तैयार कि जाती है। जो स्वास से सम्बंधित बीमारियों के लक्षणों से राहत प्रदान करने में मदद करते हैं।
पतंजलि स्वसरी में डलने वाले घटक -
Components of Patanjali Swasari -
- काली मिर्च Kali Marich (Piper longum)
- मुलेठी Mulethi (Glycyrrhiza glabra)
- छोटी कटेली Kateli badi (Solanum indicum)
- काला वासा Kala vasa (Justicia gendarussa)
- सफ़ेद वासा Safed vasa (Adhatoda vasica)
- बनफ्शा Banfsa (Viola osorata)
- छोटी पिप्पल Chhoti pipal (Piper longum)
- तुलसी देसी Tulsi Desi (Ocimum sanctum)
- दालचीनी Dalchini (Cinnamomum zeylanicum)
- लवंग Lavang (Syzgium aromaticum)
- सोंठ Sonth (Zingiber officinale)
- तेजपत्र Tejpatra (Cinnamomum tamala)
- भांगरा (भृंगराज ) Bhangra (Eclipta alba)
- लसोड़ा Lishoda (Cordia dichotoma)
- अमलतास Amaltas (Cassia fistula)
- सोमलता Ephedragerardiana
दिव्य श्वासारि के उपयोग एवं फायदे -
Uses and benefits of Swasari Pravahi-
इस दवा का मुख्य लाभ स्वसन विकार जैसे कफ, खांसी और अस्थमा से सबंधित है। इसके ज्ञात लाभ निम्नलिखित इस प्रकार से हैं-
- यह दवा कफ्फ को ढीला करके शरीर से बाहर निकालती है।
- Cough के कारण गले में आयी खरांस और स्वास की नली में आयी सूजन को कम करने में लाभदायक हैं।
- निमोनिया रोग में भी लाभकरी हैं।
- फेफड़ों के संक्रमण/फेफड़ों के दर्द में लाभकारी।
- इस दवा के सेवन से फेफड़ों में cough का निर्माण कम होता है।
- फेफड़ों में cough को जमा होने से रोकता है और जमा कफ्फ को दूर करता है।
- सामान्य सर्दी झुकाम, खांसी, cough आदि में लाभदायी।
- स्वांस नली में आयी रुकावट को दूर करके स्वांस लेने की प्रक्रिया को सुधरने में लाभकारी हैं।
- अस्थमा रोग में भी बहुत लाभकारी हैं।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में बहुत ही सहयोगी।
- शीत रोगों में अत्यंत ही लाभकारी हैं।
- यह सूखे cough में भी अत्यंत ही प्रभावी दवा हैं।
श्वासारि प्रवाही लेने की विधि और मात्रा -
Method and quantity of Swasari Pravahi-
- इन स्थितियों से पीड़ित रोगियों को दिन में 2 या 3 बार 1-1 चम्मच का सेवन करना चाहिए।
- वे लोग इस दवा की 2 चम्मच तक खुराक बढ़ा सकते हैं, यदि लक्षण गंभीर हैं, तो दिन में दो या तीन बार लिया जा सकता है।
- खुराक को एक गिलास गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।
- दवा को भोजन खाने से आधे घंटे पहले या बाद में लिया जाना चाहिए।
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3 टिप्पणियाँ
Pregnancy me use kr skte h
जवाब देंहटाएंयोग और आयुर्वेद से आम जन मानस को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाना चाहता हूं।इसकी अच्छी ट्रेनिंग कैसे मिल सकती है।
जवाब देंहटाएंअपने जिले के पतंजलि योग शिक्षक प्रशिक्षण को जॉइन करे
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