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पतंजलि चन्द्रप्रभा वटी के फायदे तथा सेवन विधि || Patanjali Divya Chandrprbha vati in Hindi

 पतंजलि चन्द्रप्रभा वटी के फायदे तथा सेवन विधि 

 Patanjali Divya Chandrprbha vati in Hindi


     दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं Patanjali Divya Chandrprbha vati in Hindi के बारे में चंद्रप्रभा वटी एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जिसका उपयोग हम बहुत सी बीमारियों को ठीक करने में करते हैं जो हम इस आर्टिकल में आपको नीचे बताएंगे तो आइए जानते हैं चंद्रप्रभा वटी के फायदे सेवन करने की विधि तथा कुछ सावधानियों के बारे में-


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Chandraprabha Vati


     चंद्रप्रभा वटी एक ऐसी औषधि है, जिसके काफी उपयोगी फायदे हैं। Chandrprbha यानी कि चांद जैसी चमक, चन्द्रप्रभा वटी अपने नाम के जैसे असरदार भी है। चन्द्रप्रभा वटी याद्दाश्त शक्ति बढ़ाने में काफी उपयोगी है और गुर्दे की बीमारी, शरीर की पूर्ति में कमी होना, जोड़ों के दर्द, घुटनों में दर्द और पैरों में सूजन, हार्मोन लेवल का असंतुलन होना इत्यादि से राहत दिला दी है।चंद्रप्रभा वटी के उपयोग से हमारे शरीर की चमक यानी कि जैसे एक शरीर का लेबल होना चाहिए उसी प्रकार संतुलन बना देती है।


    चन्द्रप्रभा वटी के मुख्य घटक : -
    Chandraprabha vati ke ghatak :-

    • (कपूर) चन्द्रप्रभा
    • वचा
    • मुस्ता
    • भूनिम्ब
    • गुडूची
    • देवदारु
    • हरिद्रा
    • अतिविषा
    • दारूहरिद्रा
    • पिप्पलीमूल
    • चित्रक
    • धान्यक
    • हरीतकी
    • विभितकी
    • आमलकी
    • चव्य
    • विडंग
    • गज्जपिप्पली
    • त्रिकटु
    • माक्षिक भस्म
    • सज्जीक्षार
    • यवक्षार
    • सैन्धव लवण
    • विडलवण
    • सौवर्चलवण
    • त्रिवृत
    • दंती
    • पत्रक
    • त्वक
    • इलायची
    • वंशलोचन
    • लौहभस्म
    • शर्करा
    • शिलाजीत
    • गुग्गुलु


    चंद्रप्रभा वटी के फायदे हैं :-
    Chandrprbha vati ke fayde:-


    स्मरण शक्ति बढ़ाएं (for memory power) :-

        आजकल जैसा कि हम देखते हैं कि लोगों के भूलने की आदत कुछ ज्यादा बढ़ती जा रही है, लोग भूलते ज्यादा है।सबसे बड़ी समस्या यह है आजकल के जो युवा, बच्चे हैं| उनमें स्मरण शक्ति की कमी ज्यादा है। चन्द्रप्रभा वटी के उपयोगी घटक जो की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए ज्यादा असरदार है। इसकी सहायता से स्मरण शक्ति की कमी दूर हो जाती है और साथ ही छोटे बच्चों के लिए भी उपयोगी है। जो उनकी स्मरण शक्ति बढ़ाती है जिससे उनमें भूलने की आदत पैदा नहीं होती है।


    तनाव से छुटकारा (for Tension ) :-

         चन्द्रप्रभा वटी ना केवल शारीर की थकान को दूर करती है बल्कि मानसिक थकान को भी दूर करने ने सहायक है। मानसिक थकान जिसे हम सरल रूप में तनाव के नाम से ही जानते हैं, जिसका कारण है किसी चीज के बारे में अधिक सोचना, उसके बारे में ज्यादा चिंतित होना, नींद ना आना, हताश हो जाना इत्यादि लक्षण हो सकते हैं।

         इन्हीं कारणों से लोगों का मानसिक तनाव बढ़ता है और उसका असर दिखता तो नहीं है लेकिन वह हमारे शरीर को भी तनाव ग्रस्त कर दे ता है। इसीलिए हम चंद्रप्रभा वटी के उपयोग से तनाव रहित हो सकते हैं।


    शरीर की स्फूर्ति के लिए उपयोगी ( for body vitality) :-

         चन्द्रप्रभा वटी के उपयोग से हम शरीर की स्फूर्ति बरकरार रख सकते हैं। आजकल की कार्यशैली काफी तेज हो चुकी है जिसकी वजह से मशीनों का आविष्कार हो रहा है।इसकी वजह से हमारी शारीरिक गतिविधि नियमित सही से नही हो पा रही है। और जब हमें शारीरिक कार्य करने कि आवश्यकता होती है तब हम बहुत जल्दी थक जाते हैं।और उस थकान की वजह से हम ज्यादा काम भी नहीं कर पाते है।

        अगर चन्द्रप्रभा वटी का नियमित उपयोग करते हैं तो उसकी सहायता से हमें शरीर में स्फूर्ति को बरकरार रखने का लाभ मिलता है। इसमें उपस्थित घटक हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। चाहे आप शारीरिक कार्य रोज करते हो या फिर कभी-कभी,चंद्रप्रभा वटी में उपस्थित घटक आपके लिए अति लाभकारी होंगे।


    गर्भाशय के लिए ( for the uterus) :-

         गर्भाशय के ठहराव तथा उसके आकार में  संतुलन के लिए चन्द्रप्रभा वटी महिलाओं के लिए काफी लाभकारी है, क्योंकि समय के अनुसार महिलाओं में कुछ शारीरिक बदलाव होते रहते हैं। अगर महिलाएं उनका नियमित ध्यान नहीं रखती है तो उसके कारण समस्या उत्पन्न हो सकती है और कुछ समस्याएं ऐसी होती है जिसका होना निश्चित होता है, जैसे पीरियड्स के समय ज्यादा रक्त का आना। इसके कारण उनके गर्भाशय के आकार में असंतुलन आ जाता है या उसका आकार बढ़ जाता है।

        इस हालत में महिलाओ को ज्यादा परेशानी का सामना करना होता है, अगर उन्हें यह पता हो कि चंद्रप्रभा वटी की सहायता से उन्हें इस समस्या से आराम मिल सकता है तो उनके लिए यह फायदेमंद रहेगी, चंद्रप्रभा वटी गर्भाशय के आकार को सामान्य रूप प्रदान करती है । और कभी-कभी महिलाओं के साथ इस प्रकार की घटना होती है कि उन्हें गर्भपात की समस्या का सामना करना पड़ जाता है।क्योंकि कुछ कारणों से भी गर्भ कमजोर हो जाता है । लेकिन अगर महिलाएं अश्वगंधा चूर्ण के साथ चंद्रप्रभा वटी का उपयोग करती है तो उन्हें इससे बहुत ही आराम मिल सकता है।


    जोड़ों में दर्द ( for Joint pain ) :-

        जोड़ों में दर्द होना तो आजकल की एक आम समस्या बन गई है, उसके कई कारण भी हो सकते हैं जैसे कि चोट का लग जाना, किसी बीमारी से संक्रमित होना, जोड़ों के आसपास गांठ बनना इत्यादि। इन सभी के इलाज के लिए  Chandraprabha Vati  लाभदायक होती है। क्योंकि इसमें मौजूद तत्व जोड़ों में उपस्थित सूजन, गांठ, दर्द को दूर करने में कारगर साबित है।


    पेशाब का रुक-रुक कर आना ( intermittent urination ) :-

         इस प्रकार की समस्या ज्यादातर पुरुषों में पाई जाती है, और इसका मुख्य कारण होता,

       पहला कारण यह है कि “जब हम कोई ऑफिस में कार्य कर रहे होते हैं और हम उस काम को बीच में नहीं छोड सकते हैं लेकिन जब उस समय पेशाब आ रहा होता है तो हम उसे रोकने का प्रयास करने लगते हैं”, 

      दूसरा कारणयह है कि “जब रात को सोते हैं उसमें अगर पेशाब आने लगे तो वह हम अंधेरे के डर से पेशाब को रोक कर रखते हैं और हम यह सोचते हैं कि  सुबह उठकर ही कर लेंगे” 

       इस प्रकार अगर हम नजरअंदाज करते रहते हैं तो इस प्रकार की समस्या उत्पन्न होने लगती है। और इस समस्या से छुटकारा पाना है तो चंद्रप्रभा वटी के इस्तेमाल से हम छुटकारा पा सकते हैं।

    और भी इसके कई फायदे हैं जैसे कि गुर्दे में पथरी, उच्च रक्तचाप, मूत्र में शर्करा (ग्लाइकोसुरिया), मधुमेह, स्वप्नदोष इत्यादि। इन सभी के लिए केवल हम चंद्रप्रभा वटी से इनका इलाज कर सकते हैं। 


    बार-बार पेशाब आना (frequent urination) :-

         बार-बार पेशाब आना कोई बड़ी समस्या नहीं है लेकिन उसके बारे में मालूम नहीं होना एक बड़ी समस्या हो सकती है इसका एक मुख्य कारण होता है जो कि प्रोटेस्ट ग्रंथि में असंतुलन है। और हम सभी को यह ज्ञात है कि जो प्रोटेस्ट ग्रंथि होती है केवल पुरुषों में ही उपस्थित होती है और इसका असंतुलन होना ही बार-बार पेशाब आने की एक समस्या है। प्रोटेस्ट ग्रंथि के आकार को संतुलित करने के लिए चन्द्रप्रभा वटी काफी उपयोगी साबित होती है।


    चन्द्रप्रभा वटी पाण्डु में :-

         पांडु रोग का मतलब है खून की कमी आना या फिर खून का दूषित हो जाना, अगर बड़े रूप से देखा जाए तो खून के दूषित होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं- शराब का अत्यधिक सेवन करना, मिट्टी का खाना, ज्यादा नमक का सेवन और ज्यादा खटाई खाने से यह रोग होता हैं। यही कुछ ऐसे कारण हैं जिसके कारण से खून दूषित हो जाता है और दूषित होने के कारण खून में कमी आती है।

         इसका लक्षण यही देखने को मिलता है कि जो हमारे शरीर की चमड़ी है वह धीरे-धीरे पीली होने लगती है उसको हम पीलिया बोल देते हैं। लेकिन अगर चंद्रप्रभा का इस्तेमाल निरंतर रूप से किया जाए तो इस रोग से भी छुटकारा मिल सकता है क्योंकि चंद्रप्रभा में उपस्थित जो घटक हैं वह इनका पूर्णतः नाश करते हैं।


    पेट का भारी लगने में (Bloating) :-

        जब हम खाना खाते हैं उसके बाद पानी पीने के बाद हमें लगता है पेट थोड़ा भारी-भारी सा हो गया है, जी हां यह सामान्यतः होता है। इसके कारण ना ही ढंग से सो पाते हैं और ना ही ढंग से चल पाते हैं। इसका मुख्य कारण यही होता है कि हम खाना तो खा लेते हैं लेकिन उसका डाइजेशन पूरा ढंग से नहीं होता है। अगर इसका जल्दी से इलाज नहीं किया जाए तो एक रोजमर्रा की जिंदगी सा बन जाती है।

        लेकिन फिर भी हम चन्द्रप्रभा के उपयोग से इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। चंद्रप्रभा में उपयोगी घटक पेट के भारीपन को दूर करने में सहायक है जो कि केवल खाना खाने के पश्चात ही होता है। इसका यही लक्षण है कि पूरे दिन तो हम एकदम स्वस्थ, ठीक रहते हैं लेकिन जब हम खाना खा लेते हैं तो उसके पश्चात हमारे 1-2 घंटे हमारे इस समस्या में चले जाते हैं मतलब यही कि हम समस्या से परेशान होते रहते हैं।


    तेज पेट दर्द होना (Abdominal Pain):-

         कभी-कभी पेट दर्द से संबंधित समस्या गंभीर हो जाती है, तो  पेट में तेज़ दर्द होने लगता है, इसके कारण से कोई भी व्यक्ति परेशान हो जाता है। चंद्रप्रभा की  सहायता से कोई भी पुराना या काफी समय से चल रहा पेट का दर्द वह आसानी से खत्म हो जाता है अगर इसका नियमित सेवन किया जाए तो।


    चन्द्रप्रभा वटी की खुराक :-
    Dosage of Chandraprabha Vati :-

    • बच्चे के लिए खुराक:- एक गोली प्रतिदिन
    • वयस्क के लिए खुराक:- दो से तीन गोली प्रतिदिन सुबह और शाम।


    • अगर किसी व्यक्ति को मूत्र, गर्भाशय और प्रजनन अंगों से संबंधित कोई भी बीमारी है तो खाना खाने से आधे घंटे पहले  लेनी होती है।
    •  बाकी सभी व्यक्तियों को खाना खाने के आधे घंटे के बाद खुराक लेनी होती है 
    • चंद्रप्रभा वटी को लेते समय आप गुनगुने पानी या दूध से सेवन कर सकते हैं।



    Note- अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं। आपको उसका उत्तर जल्द ही दे दिया जाएगा।

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