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पतंजलि दिव्य श्वासारि रस || Patanjali Divya Swasari Ras in Hindi

 पतंजलि दिव्य श्वासारि रस

Patanjali Divya Swasari Ras in Hindi


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      आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे Patanjali Divya Swasari Ras in Hindi के बारे में अगर आप भी नजला, खांसी, जुकाम, बलगम का अधिक बनना आदि से परेशान हैं तो आपके लिए यह पोस्ट बहुत ही ज्यादा खास होने वाली हैं। आज के इस पोस्ट में मैं आपको पतंजलि दिव्य श्वासारि रस के बारे में पूरे विस्तार से बताऊंगा तथा इसमें डलने वाले मुख्य घटक क्या क्या है और इससे होने वाले फायदे आदि के बारे में। तो आइए बिना किसी देरी के आर्टिकल को आगे बढ़ाते हैं-


श्वासारि रस के मुख्य घटक -

Patanjali Divya Swasari Ras ke Ghatak :-

  • प्रवाल पिष्टी , 
  • अभ्रक भस्म , 
  • मुक्ताशुक्ति भस्म , 
  • टंकण भस्म , 
  • स्फटिका भस्म , 
  • गोदन्ती भस्म , 
  • कपर्दक भस्म , 
  • अकरकरा मूल , 
  • लवंग , 
  • दालचीनी , 
  • त्रिकटु चूर्ण , 
  • काकड़ासिंगी , 
  • मधुयष्टि , 
  • रुदन्ती फल आदि ।


 श्वासरी रस के फायदे -

Patanjali Divya Swasari Ras ke Fayde :-

  •  श्वासारि रस का सेवन करने से फेफड़ों के ऊतकों में अधिक क्रियाशीलता आती है । श्वसननलिका - शोथ तथा फुफ्फुस - शोथ दूर होता है , जिससे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन फेफड़ों को मिलती है और ब्रोन्काइटिस जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है । 
  • इसके सेवन से फेफड़ों में जमा हुआ कफ आसानी से बाहर आ जाता है । 
  • इसके सेवन से फेफड़ों की रोग Immunity Power का विकास होता है तथा कफ , नजला , जुकाम , दमा , बार - बार छींकें आना , सिर में भारीपन तथा साइनस आदि रोगों में विशेष लाभ होता है । 
  • यह फेफड़ों को पोषण देने वाली एक उत्तम औषधि है । 


सेवनविधि व मात्रा -

Patanjali Divya Swasari Ras ki sevan Vidhi -

     500 Mg से 1 g तक दिन में 2 या 3 बार भोजन से पहले शहद से या गुनगुने पानी के साथ लें । इसको भोजन करने के बाद भी लिया जा सकता है । यदि श्वास की तीव्रता अधिक हो तो 50 ग्राम श्वासारि रस में अभ्रक भस्म 10 ग्राम , प्रवालपिष्टी 10 ग्राम मिलाकर सबकी 60 पुड़िया बनाकर 1-1 पुड़िया दिन में 2 या 3 बार शहद के साथ संवन करें ।


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