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Responsibility in COVID-19 |
हाल ही में एक खबर बहुत पढ़ने को मिल रही है हमें कि असम के सिलचर एयरपोर्ट पर 300 यात्री बिना कोरोना की जांच करवाए वहां से चुपचाप निकल गए । कोरोना से डर कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेने का ये उदाहरण नया नहीं हैं ? कोरोना जांच की बात करें या कि मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत । बीते कुछ महीनों में कोरोना का ग्राफ नीचे आते ही अधिकतर लोगों ने इनसे किनारा कर लिया । अब जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का खौफ शुरु हुआ है , तो डर ने ब्लेम - गेम को हवा दे दी है । यह क्यों फैला? कैसे फैला? और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं ... , यहां समाधान और बचाव की अपनी जिम्मेदारी पर बहुत ही कम लोगों का ध्यान जाता है । इस महामारी के किये हमे खुद भी आत्म - संयमित नहीं हैं । हमारे सामने कई देशों के उदाहरण हैं , जिनके निवासियों ने सामूहिक रूप से कोरोना का सामना बहुत ही समझदारी के साथ किया । उन्होंने कोरोना से लड़ाई के बाकी उपायों के साथ ही खुद भी संयम और धैर्य से काम लिया तथा आत्म - अनुशासन बनाए रखा ।
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नजीर बना एक गांव-
विश्व स्वास्थ्य संगठन महामारी के प्रबंधन में आत्म - अनुशासन को सबसे जरूरी टूल मानता है । ना कि दूसरों को दोष देना या नियति से अपेक्षा करना । इसी आत्म - अनुशासन की मिसाल बना एक राजस्थान का छोटा - सा गांव सुखपुरा । राजस्थान के सीकर जिले के एक गांव सुखपुरा में अभी तक एक भी व्यक्ति कोरोना से positive नहीं हुआ है । 3,000 आबादी वाला यह गांव अगर कोरोना negetive ' है , तो इसका श्रेय केवल ओर केवल गांव के लोगों को ही जाता है। जिन्होंने महामारी की गंभीरता को समंझकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई । पिछले साल महामारी के बारे में पता चलते ही गाँव के लोगों ने गांव के एंट्री गेट को ही बंद कर दिया था । बाहर से आने वाले की पहले जांच होती थी , फिर आइसोलेशन में रखा जाता था । इस तरह खुद के अनुशासन से इन्होंने अपने गांव को महामारी से बचा कर रखा है ।
जिम्मेदारी लेना सीखें-
मैंने अपने आसपास में भी देखा है और आमतौर पर यही उदाहरण सामने आते हैं कि एक बार कोरोना की चपेट में आने के बाद तथा ठीक हो जाने के बाद भी बहुत से लोग इससे संबंधित सावधानियों को अपनाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं । सोशल मीडिया पर गलतियों के लिए दूसरों को दोष देते हुवे पोस्ट तो सभी करते रहते हैं । पर हम खुद इस संदर्भ में कोई गलती तो नहीं कर रहे। हम में से अधिकतर लोग खुद से यह नहीं पूछ रहे है। महामारी की स्थितियों में हमारे लिए क्या अच्छा है तथा क्या बुरा इसका निर्णय हमें कुछ पल की खुशी के आधार पर नहीं करना चाहिए। बीमार की तीमारदारी या आजीविका जैसी मजबूरी ना हो, तो थोड़ी सावधानी बरतने में क्या बुराई है ? बर्थडे सेलिब्रेशन , विवाह आयोजन , सार्वजनिक आयोजन या उत्सव आदि तो होते ही रहेंगे । हम आज जो करेंगे , महामारी के संदर्भ में उसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे ।
कई देश भी बन रहे मिसाल-
Covid -19 के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर , सबसे जरूरी है कि लोग इस Covid -19 के संकट का जवाब देने में कैसे व्यवहार करते हैं । जापान का उदाहरण ही ले लीजिए । स्वाइन फ्लू व सार्स का सामना कर चुके जापान के लोगों ने कोरोना वायरस की गंभीरता के लिए आधिकारिक निर्देशों का इंतजार नहीं किया । उसके बिना भी मास्क का उपयोग करना शुरू कर दिया व सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करा । नतीजतन संक्रमण का प्रसार सीमित हुआ । जापानी संस्कृति में समस्याओं के लिए किसी सिस्टम की ओर देखने के बजाय पहले अपनी जिम्मेदारी निभाने की परंपरा रही । वे अपनी जिम्मेदारी को समस्या के एक हिस्से के रूप में देखते हैं , इसलिए वे समाधान का एक हिस्सा बन जाते हैं । स्वीडन एक और देश है , जहां कठोर आलोचना के बावजूद lockdown नहीं किया गया था । उनका मानना था कि लड़ाई प्रतिबंधों से नहीं , बल्कि जागरूकता से जीती जा सकती है । और वहाँ हुआ भी यही । वहां के लोगों का सपोर्ट मिला और इस तरह वे जीवन और अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को बचाने में सफल रहे ।
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Responsibility in COVID-19 |
अगर आप ऐसा करते हैं-
- काम में सफलता नहीं मिलने पर तथा किसी असुविधा के लिए दूसरों को दोष नहीं देते ।
- मास्क न पहनने का बहाना नहीं ढूंढ़ते हैं ।
- बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलते हैं ।
- कठिन परिस्थिति को सुधारने के लिए छोटे- छोटे कदम उठाते रहते हैं ।
- आप ऑक्सीजन , covid टेस्ट किट , covid वैक्सीन की कमी के लिए सिस्टम को दोषी ठहराने के बजाय स्वयं और अपने परिवार को कोविड संबंधित सावधानियां बरतने के लिए कहते हैं ।
- यदि आप में अधिक समझ है , तो औरों की मदद करते हैं । उन्हें जागरूक और जिम्मेदार बनने में मदद करे । लोगों को सही खबर पहुंचाते रहे , बजाय नकारात्मक खबर के । यदि आप ऐसा करते हैं तो आप अपनी जिम्मेदारी को लेकर बहुत जागरूक है ।
क्या करें -
- कोविड -19 एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है। जिसका सामना हम सबने पिछले साल बेहतरीन तरीके से किया भी है । ऐसे में अगर Doctor की तरफ से नियमित रूप से सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है , तो इसे गंभीरता से लेना ही होगा । हमेशा याद रखें आत्म - अनुशासन के साथ कुछ भी संभव है । किसी ने कहा है कि ' भगवान उनकी मदद करता है , जो खुद की मदद करते हैं ।
- अगर दूसरों को दोष देने के बजाय खुद ही जिम्मेदारी लेना सीखें । अपनी हालत और हालात की जिम्मेदारी आप स्वयं पर लेंगे , तभी Corona में सुधार होगा ।
- तनाव तथा घबराहट के समय में सकारात्मक चीजों के बारे में सोचें तथा हंसने का बहाना ढूंढ़ें ।
- मास्क हर हाल में पहने और बाहर जाते हुए सामाजिक दूरी बनाएं रखें। साथ ही बुनियादी स्वच्छता सुनिश्चित जरूर करें ।
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