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खुद से इलाज कहीं बिगाड़ न दें आपकी सेहत || Do not treat yourself, let your health deteriorate

 खुद से इलाज कहीं बिगाड़ न दें आपकी सेहत

Do not treat yourself, let your health deteriorate


Do not treat yourself, let your health deteriorate
SELF TREATMENT


   महामारी का दौर अब तक के सबसे डरावने रूप में सामने है । इस डर की वजह से सभी की जीवनशैली मानो संक्रमण से बचने के उपायों के इर्द - गिर्द ही घूमने लगी है । लेकिन हम अपनी सेहत व इम्यूनिटी को लेकर जागरूकता के चलते कई बार चूक भी कर जाते हैं । अब संक्रमण से बचाव के घरेलू उपायों को ही लें । हम इन्हें अपनाते समय इनके बाकी नियमों पर ध्यान ही नहीं देते । जिसका नकारात्मक प्रभाव भी सामने आ रहा है । ऐसे में किन - किन बातों का ध्यान रखना है , बता रहे है हम आज के इस  आर्टिकल में-



        करोना वायरस का डर इस कदर लोगों में घर कर गया है कि लोग कोई भी उपाय करने के लिए तैयार हैं । इन दिनों तरह - तरह के देसी नुस्खे आजमाए जा रहे हैं । जड़ी - बूटियों का सेवन बढ़ गया है । गर्म पानी के साथ - साथ काढ़ा भी लिया जा रहा है । यहां तक कि टोटके भी किए जा रहे हैं । ये सारी चिंता कोरोना संक्रमण को लेकर है । तो फिर ये उपाय सेहत के लिए परेशानी का सबब कैसे बन रहे हैं ? तो इसका जवाब है की विशेषज्ञ सलाह न लेना । पिछले कुछ महीनों में लिवर सिरोसिस और आंत की समस्या की शिकायतें बढ़ी हैं । तमाम रहन सहन जानने के बाद ज्ञात हुआ कि ये सब उन देसी नुस्खों की अति की वजह से हुआ , जो बिना सलाह के पिछले कुछ महीने से लोग अपना रहे थे । 

    हर किसी की जरूरत अलग है-

       अंग्रेजी दवा हो या आयुर्वेदिक बूटियां , अगर इन्हें एक मात्रा में न लें , तो सेहत को नुकसान पहुंचता ही है । अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के उपाय करने चाहिए , लेकिन इसकी एवज में बिना सोचे - समझे कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए । तुलसी , लौंग , दालचीनी , गिलोय ... ये सब ठीक है , लेकिन इसकी कितनी जरूरत आपको है , ये समझना जरूरी है । 


     घरेलू नुस्खों में अति से बचें-

        इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है कि इन चीजों के सेवनका औचित्य ही खत्म है , बल्कि इसका अर्थ है कि इनका सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उचित है , खासकर अभी के दौर में । बिना व्यक्ति विशेष की सेहत की जांच किए किसी भी चीज का सेवन करना गंभीर परिणाम दे सकता है । जैसे गिलोय । इसका सेवन बहुत - सी बीमारियों से बचाव के लिए बता तो दिया जाता है , लेकिन इसके अत्यधिक सेवन से थायरॉइड बिगड़ सकता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए समस्या हो सकती है । 



    बिगड़ सकता है केस-

        कोविड संक्रमण और घरेलू नुस्खों के संदर्भ में सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि बहुत से लोगशुरुआती लक्षण महसूस होने परइन नुस्खों परजोर दे रहे हैं । बुखार या खांसी आते ही तरह -तरह के काढ़े बना कर पीना , इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय का सेवन शुरू करदेना । लेकिन समझने वाली बात यह है कि कोविड के लक्षण नजर आते ही शुरू के पांच दिनों में आइसोलेशन और मरीज की अन्य जांच और दवा देने जैसी प्रक्रिया शुरू हो जाती है , जिसमें आने वाले जोखिम को रोकने का प्रयास होता है , और घरेलू नुस्खे अपनाने से इन्हीं दोनों का सबसे बड़ा नुकसान होता है , क्योंकि जब मरीज को आइसोलेट करके उसका उपचारशुरू किया जा सकता था , तब तक वे लोग घरेलू उपायों में . उलझे रहे और बहुत मुमकिन है कि तब तक मरीज की सांस की समस्या बढ़ जाए या अन्य किसी तरह की क्षति हो जाए । इसलिए कोविड संक्रमण का कोई भी लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से परामर्श और आइसोलेशन ही सही कदम है ।


    ""लोगों का रुझान इस बात से पता चलता है कि पिछले साल कोविड -19 संकट के शुरुआती दौर में , इंटरनेट पर ' इम्यूनिटी ' के नाम से सर्च में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई । वहीं विटामिन - सी के लिए क्या खाएं , इसमें 150 प्रतिशत और गिलोय ' जैसी औषधीय जड़ी - बूटियों की इंटरनेट सर्च में 380 प्रतिशत की वृद्धि हुई और ' काढ़ा ' की सर्च 90 फीसदी बढ़ी ।""



    नुस्खे का स्रोत पता करें -

       इंटरनेट पर सर्च करें तो काढ़ा के कई नुस्खे सामने आ जाएंगे । इनके सोर्सका कुछ पता नहीं , फिर भी लोग इन नुस्खों का इस्तेमाल कर रहे हैं । आपको मालूम होना चाहिए कि काढ़े को बनाने की विधि में बहुत - सी गर्म तासीरकी चीजें डाली जाती हैं । ऐसे में अगर इसका ज्यादा या अनियमित इस्तेमाल हो , तो यह घबराहट , गैस , नींद की गड़बड़ी तक दे सकता है । अल्सर की समस्या से जूझ रहे लोगों को इसके और भी विपरीत परिणाम देखने को मिल सकते हैं । बवासीर की समस्या में परेशानी बढ़ सकती है । इसी तरह हल्दी दूध का सेवन चोट लगने या मांसपेशियों में दर्द होने पर अच्छा रहता है । लेकिन इसका नियमित सेवन कितना उचित है यह केवल आपके संबंधित डॉक्टर ही बता सकते हैं । खासकर यदि आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तब । 

     

    इम्यूनिटी के लिए क्या करें-

        सबसे पहले यह समझें कि यदि आपका स्वास्थ्य ठीक है , तो बहुत मुमकिन है कि इम्यूनिटी भी साथ - साथ अच्छी होती चलेगी । इसलिए स्वास्थ्य पर काम करें । इम्यूनिटी के लिए अतिरिक्त रूप से विचार करना और उसके उपाय करना केवल डॉक्टर की सलाह पर हो , तभी उचित है । जो आपको करना है , वह यह कि खानपान सही हो । आपकी थाली में लगभग सभी रंग शामिल होने चाहिए । किसी भी फल या सब्जी का प्राकृतिक रंग किसी न किसी पोषक तत्व की ओर इशारा करता है , जैसे नारंगी रंगविटामिन सी से संबंधित है । इसी तरह से हरा रंग बी - काम्प्लेक्स के लिए । ये सभी रंग सभी पोषक तत्व को सुनिश्चित करेंगे और साथ ही बीमारियों से बचाव में भी मदद मिलती है । इसलिए भोजन को हर हाल में सेहतमंद रखें । खानपान के साथ - साथ अपनी मानसिक सेहत का भी ख्याल रखें । इसके लिए नींद के पैटर्न को सही बनाएं और लगभग आठ घंटे की नींद जरूर लें । अच्छी इम्यूनिटी और स्वास्थ्य के लिए इनकी बेहद जरूरत है ।


    शारीरिक सक्रियता के लिए योग व व्यायाम-

       शोध भी मानते हैं कि शारीरिक गतिविधि फेफड़ों औरश्वासमार्ग से बैक्टीरिया को बाहरनिकालने में मदद कर सकती है । इससे आपको सर्दी , फ्लू या अन्य बीमारी होने की संभावना कम हो सकती है । इसलिए अभी के दौर को देखते हुए दिन में कम से कम आधा घंटा अपने लिए अवश्य निकालें योग और एक्सरसाइज के लिए । इस समय ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी आपके लंग्स के लिए फायदेमंद हो सकता है । इससे इम्युनिटी बनाये रखने में भी मदद मिलेगी । लेकिन किसी शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं तो अपने संबंधित डॉक्टर की सलाह से इसका नियम तय करें ।


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