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Thyroid : योग से मिलता है थायरॉएड में आराम || Yoga for thyroid

 Thyroid : योग से मिलता है थायरॉएड में आराम 

 Yoga for thyroid


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Yoga for Thyroid


    उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की तरह Thyroid आम समस्या बनती जा रही है । बहुत बड़ी संख्या में लोग इससे जूझ रहे हैं । आंकड़ों के अनुसार , करीब 50 प्रतिशत लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है या वे इसकी अनदेखी करते रहते हैं । महिलाओं में यह समस्या ज्यादा होती है । दवाओं के अलावा , नियमित योगाभ्यास से भी Thyroid को काबू में रखने में मदद मिल सकती है ।

      थायरॉएड गर्दन के बीच वाले हिस्से में तितली के आकार की ग्रंथि होती है । यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है । इस ग्रंथि में गड़बड़ी आने से कई अंगों पर असर पड़ता है । हम जो भी खाते हैं , यह ग्रंथि उसे ऊर्जा में बदलने का काम करती है । इस हार्मोन का संतुलन कोलेस्ट्रोल , मांसपेशियों व हड्डियों की सेहत पर भी असर डालता है ।

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     थायरॉएड दो प्रकार का होता है- हाइपोथायरॉएड और हाइपरथायरॉएड । अपने शरीर के लक्षणों को देखकर आप समझ सकते हैं कि आपको कौन - सा थायरॉएड है । फिर भी डॉक्टर से परामर्श और टेस्ट के जरिए पुष्टि होने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचना चाहिए ।

  कौन से आसन करेंः -

    अगर आप लंबे समय से दवाएं ले रहे हैं तो उन्हें अचानक बंद न करें । निरंतर योगाभ्यास से दवा की मात्रा को कम करने की कोशिश करें । शुरुआत में विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में ही व्यायाम करें । ज्यादातर व्यायामदोनों तरह के थायरॉएड में काम आते हैं । इसके अलावा , तनाव भी थायरॉएड का बड़ा कारण है।नियमित ध्यान से तनाव कम होता है । योग निद्रा तनाव कम करने और मनकोशांत रखने में सहायक होती है । कुछ मिनट का नियमित ध्यान भी करना चाहिए । '

हाइपोथायरॉएडः-

     इसमें थायरॉएड ग्रंथि कम मात्रा में हार्मोन का निर्माण करती है । ऐसा ज्यादातर आयोडीन की कमी से होता है कई बार यह समस्या पिट्यूटरी ग्लैंड और दिमाग के हाइपोथैलेमस हिस्से के ढंग से काम नहीं करने के कारण भी हो जाती है । इसके असर के कारण मेटाबॉलिज्म सुस्त पड़ जाता है । मोटापा बढ़ने लगता है । कुछ भी करने के लिए उत्साह का अभाव महसूस होता है । हर काम में सुस्ती रहती है । बेवजह थकान रहती है । कब्ज रहने लगती है । चेहरे , गले के आसपास और शरीर पर सूजन दिखाई देती है । बाल झड़ने लगते हैं । बाल रूखे हो जाते हैं । महिलाओं में माहवारी चक्र में अनियमितता आना भी इसका एक प्रमुख लक्षण है । चेहरे के बालों में वृद्धि होने लगती है । अगर ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं , तो डॉक्टर से मिलें । 

हाइपरथायरॉएडः- 

    थायरॉएड के इस प्रकार में ग्रंथि की सक्रियता बढ़ने के कारण हार्मोन ज्यादा बनने लगता है । इसके कारण बहुत ज्यादा या बहुत कम भूख लगती है । ज्यादा खाने पर भी दुबले बने रहते हैं । रात को नींद नहीं आती है । असामान्य रूपसे पसीना आने लगता है । छोटी - छोटी चीजों से तनाव , हड़बड़ाहट और जल्दबाजी में रहने लगते हैं । हाइपरथायरॉएड के लिए सेतुबंध , मार्जारि आसन , शिशु आसन , पश्चिमोत्तानासन , अर्धमत्स्येंद्रासन , सर्वांगासनशवासन करन के की सलाह दी जाती है । इसमें धीमी गति से सूर्य नमस्कार करने से भी फायदा होता है इसके अलावा उज्जयी , भ्रामरी , नाड़ी शोधन और शीतलता प्रदान करने वाले प्राणायाम , जैसे कि शीतली व शीतकारी हाइपरथायरॉएड के लक्षणों को कम करते हैं ।

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हाइपोथायरॉएड में करें ये आसन :-

सर्वांगासनः-

 इस आसन का नियमित अभ्यास थायरॉएड ग्रथियों को ठीक से काम करने के लिए सक्रिय करता है । पिट्यूटरी और पीनियल ग्रन्थियों पर भी इस आसन का अच्छा असर पड़ता है ।

विपरीतकर्णी :-

 विपरीतकर्णी आसन से थायरॉएड ग्रंथि में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और यह बेहतर ढंग से काम करती है । ये तनाव , अनिद्रा और चिंता को भी दूर करता है । 

मत्स्यासनः-

 मत्स्यासन थायरॉएड ग्रंथि में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है । इस आसन से गर्दन और गले में खिंचाव आता है , जिससे थायरॉएड ग्रंथि उत्तेजित होती है । 

हलासनः-

 इस आसन के अभ्यास से थायरॉएड हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है । इस आसन से गर्दन में खिंचाव आता है और थायरॉएड ग्रंथि उत्तेजित होती है । 

     इसके अलावा जानुशिरासन , सुप्तवज्रासन , माजारि आसन , तेज गति सूर्य नमस्कार करने से भी आराम मिलता है । 

     इन आसनों के अतिरिक्त , प्राणायाम अभ्यास , जैसे- कपालभाति , नाड़ी शोधन , भस्त्रिका और उज्जयी श्वास के नियमित अभ्यास से हाइपोथायरॉएड के लक्षणों को काबू में रखने में मदद मिलती है । बेहतर है , शुरुआत में विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही योग करें ।


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