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मलेरिया से बचें और बचाए || Malaria se kese bache in hindi

 

मलेरिया से बचें और बचाए 

 Malaria se kese bache in hindi

    

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    मलेरिया से निजात पाने के लिए सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है । मच्छरों से फैलने वाले रोगों में मलेरिया एक प्रमुख संक्रामक रोग है । खासतौर पर मानसून के आसपास के समय में खास सावधानी बरतने की जरूरत रहती हैं । तो आज के किस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि कि हैं कि कि रहे हैं कि कि हैं कि कि Malaria se kese bache in hindi

     मलेरिया बारिश का मौसम अपने साथ मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी लेकर आता है । मलेरिया एक संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है । मच्छर काटने से परजीवी ( पैरासाइट ) को शरीर के अंदर जाने का रास्ता मिल जाता है , जहां से ये खून के जरिए लिवर तक पहुंच जाते हैं । वहां ये कुछ समय तक विकसित होते रहते हैं और लाल रक्त कणिकाओं को भी संक्रमित करने लगते हैं । मलेरिया एक वेक्टर बोर्न रोग है । वेक्टर वे जीव होते हैं , जो संक्रामक रोगाणुओं को मानव से मानव में और पशुओं से मानव में फैलाते हैं ।
    आमतौर पर मलेरिया के लक्षणों को उभरने में 10 दिन से 4 सप्ताह तक का समय लग जाता है । कई बार लंबे समय तक मलेरिया के परजीवी शरीर में सुप्त अवस्था में पड़े रहते हैं ।
    विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2019 के अनुसार , 89 देशों में मलेरिया के अनुमानित 20 करोड़ 28 लाख से अधिक मामले मिले थे । वर्ष 2018 में वैश्विक स्तर पर इस बीमारी से चार लाख से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी । दक्षिण पूर्व एशिया के तीन देशों में मलेरिया के कुल 98 प्रतिशत मामले सामने आए , जिसमें अकेले भारत की हिस्सेदारी 58 प्रतिशत तक पाई गई । आंकड़ों के अनुसार , मलेरिया छोटे बच्चों को ज्यादा बुरी तरह प्रभावित करता है । भारत सरकार ने फरवरी 2016 में मलेरिया उन्मूलन 2016-2030 के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की थी । साथ ही , 2027 तक देशको मलेरियामुक्त बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है ।


नजर रखें इन लक्षणों पर-

     मरीजों में शुरुआत में तेज बुखार कंप-कंपी वाली ठंड के लक्षण दिखते हैं मलेरिया है या नहीं , इसके लिए डॉक्टर शारीरिक लक्षणों के अलावा खून की जांच कराते हैं । व्यक्ति की सेहत सामान्य तौर पर कैसी रहती है और मौजूदा हालत कैसी है , इस आधार पर लक्षणों की गंभीरता में अंतर देखने को मिलता है । 

कुछ लक्षण इस प्रकार हैं -

  • बहुत तेज बुखार
  • ठंड लगना
  • सिरदर्द
  • बेचैनी होना
  • उल्टी और जी मिचलाना
  • दस्त 
  • पेट दर्द
  • बहुत ज्यादा पसीना 
  • जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द 
  • मल में खून आना
  • तेजी से सांस लेना .
  • खांसी दिल की धड़कनें तेज होना


मलेरिया की रोकथाम-

मच्छर काटने के अलावा मलेरिया निम्न तरीकों से भी फैल सकता है -

  • गर्भवती मां से अजन्मे बच्चे को मलेरिया का संक्रमण
  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण पहुंचना
  • किसी संक्रमित व्यक्ति को टीकालगाने के लिए इस्तेमाल की गई सुई को किसी दूसरे व्यक्ति को लगाना
    हालांकि अब मलेरिया के उपचार के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं , लेकिन इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए ।

रोकथाम के उपाय -

     मलेरिया को रोकने का सबसे अच्छा तरीका वेक्टर नियंत्रण रहा है । इसके अलावा मलेरिया के बारे में जानकारी को बढ़ाना भी इसे बढ़ने से रोकता है । काटने से बचाएं।मलेरिया को काबू करने और उसे आगे फैलने से रोकने के लिए कुछ उपाय इस प्रकार हैं :

  • हमेशा पूरी बांह के कपड़े पहनें।खुली त्वचा के हिस्से पर इन्सेक्टरेपेलेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं । अगर लंबे समय तक बाहर हैं , तो बीच - बीच में क्रीम लगाते रहें ।
  • बहुत पतले कपड़े न पहनें , क्योंकि इनमें से मच्छरकाट सकते हैं । तंग कपड़े पहनने की जगह ढीले - ढाले कपड़े पहनें ।
  • मच्छर ज्यादा हैं , तो रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना सबसे बेहतर उपाय है ।
  • अपने घर और आसपास को साफ और स्वच्छ रखें । .. घर के दरवाजे और खिड़कियां खुला न रखें , रात में मच्छरों को इनके जरिए आने का ज्यादा खतरा होता है ।
  • अपने लक्षणों पर नजर रखें , मसलन तेज बुखार , कंपकंपी लगना या धड़कनें तेज होना आदि । मलेरिया के किसी भी संभावित लक्षण की आशंका होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ।
  • डॉक्टरकी सलाह से मरीज मलेरिया - रोधी गोलियां खा सकता है । आमतौरपरइसका कोर्स 2 हफ्ते तक चलता है । इसमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए ।
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