Health Tips
क्यों होता है दर्द??
Why does it hurt??
महिलाओं को कभी कमर परेशान करती है , तो के दर्द के चलते चाल ही बदली हुई हो जाती है । अकसरया कभी - कभी होने वाला दर्द अपने आप में कई समस्याएं समेटे हुए होता है । लिहाजा सिर्फ दर्द से निजात पाना ही जरूरी नहीं होता , बल्कि आप जो दर्द महसूस कर रही हैं उसके पीछे का कारण जानना भी जरूरी है । कमर दर्द , पेट दर्द की समस्याएं महिलाओं में बेहद आम हैं । इन दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए । तो वहीं हड्डियों में दर्द , काफी हद तक कैल्शियम और विटामिन - डी की कमी के कारण होता है । ऐसे में जरूरी है दर्द की वजह को जानना ।
कमर दर्द है आम (Back Pain ) :-
महिलाओं में कमर दर्द की समस्या आम है । इसके कई कारण हैं- जैसे उठने - बैठने का गलत तरीका , कैल्शियम की कमी , पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होना आदि । बच्चेदानी में समस्या होने पर भी कमर में दर्द हो सकता है । इससे बचने के लिए आपको अपनी खुराक में पोषण का तड़का लगाना होगा यानी आपको संतुलित आहार लेना होगा , साथ ही व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा । डॉ . विनीता की मानें तो प्रसव के बाद भी महिलाओं को जब तक उनका बच्चा खुराक के लिए पूरी तरह उन पर निर्भर है , तब तक कैल्शियम और आयरन को अपनी खुराक में शामिल करना चाहिए । सही पोषण लेने के बावजूद भी अगर कमर दर्द में आराम नहीं मिल रहा , तो चिकित्सकीय परामर्श लें ।
अगर पेट दर्द करे परेशान (Abdominal pain) :-
इन्फेक्शन , पीरियड , रसौली , सूजन आदि या फिर कई बार गलत खानपान के कारण भी पेट दर्द होता है । अगर खुराक की वजह से पेट में दर्द हुआ है , तो चाय - कॉफी का सेवन कम कर दें।छाछ में भुनी अजवाइन का प्रयोग करसकती हैं।चिकना , तला - भुना ठोस आहारजैसे बेसन , छोला , रोटी , चने और अरहर की दाल आदि खाने से परहेज करना चाहिए।इसमें घरेलू नुस्खे जैसे शहद साथ जायफल खाली पेट लेना , हींग - मेथी आदि को गुनगुने पानी के साथ लेना फायदेमंद साबित हो सकता है । पेट में दर्द अगर माहवारी के दिनों में होता है , आमतौर पर दो से तीन दिनों में दर्द से आराम मिल जाता है । पेट की सिंकाई से भी आपको फायदा मिलेगा । फिर भी अगरदर्द में आराम नहीं मिलता , तो बिना देर किए चिकित्सकीय परामर्श लीजिए ।
सिर दर्द हैं आम (Headache) :-
सिर दर्द की समस्या यूं तो आम है , पर यह महिलाओं को अधिक होती है । डॉ . अनिल कहते हैं कि सिर में दर्द के कई कारण होते हैं , जैसे आंखों का कमजोर होना , उच्च रक्तचाप , तनाव आदि । महिलाओं के हिस्से ये सारी परेशानियां भरपूर मात्रा में होती हैं । सिर दर्द की सही वजह को जानकर जरूरी एहतियात बरतना होगा । बेहतर होगा कि आप अपने दिनचर्या से तनाव को दूर रखें । इसके लिए प्राणायाम , ध्यान आदि का सहारा ले सकती हैं । साथ ही अपनी खुराक में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें , जो आपके तनाव के स्तरको कम करने में मदद करे । अपनी खुराक में विटामिन - बी को शामिल करें । अध्ययन भी बताते हैं कि जो लोग डिप्रेशन , पैनिक डिसऑर्डरकी समस्या से ग्रसित हैं , उन्हें रोजाना 18 ग्राम विटामिन - बी लेने से राहत मिलती है । मैग्नीशियम और कैल्शियम एक ऐसा मिनरल है , जो आपके तंत्रिका तंत्र को पोषण देता है और बेचैनी , तनाव , डर , गुस्सा सरीखे तमाम भावों को आने से रोकता है । ओमेगा - थ्री फैटी एसिड भी तनाव में फायदेमंद होता है । इसी के साथ अपनी खुराक में बेरी , हल्दी वाला दूध , पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां , दही , कद्दू और सूरजमुखी के बीज आदि को शामिल करने से भी सिर दर्द और तनाव सरीखी समस्याओं से लड़ने में मदद मिलती है ।
पेल्विक दर्द भी है आम (pelvic pain) :-
पेट के सबसे निचले हिस्से को हम पेल्विक के नाम से जानते हैं । भारत में तीन में से एक महिला इस दर्द को कभी न कभी सहती हैं । इसके होने के कई कारण होते हैं । अगर पेट के इस हिस्से में छह माह से ज्यादा दर्द बना रहता है , तो यहपेल्विक कंजेशन सिंड्रोम यानी पीसीएस हो सकता है । इस समस्या में तेज दर्द होता है , जो कि खड़े होने या ज्यादा देर तक बैठने पर बढ़ जाता है । जानकारों के अनुसार मानें तो यह समस्या उन महिलाओं को ज्यादा होती है , जो मां बन चुकी है और युवा हैं ।
बचपन से कीजिए तैयारी-
कोई भी समस्या एक दिन में नहीं खड़ी होती है , वैसे ही उसका समाधान भी चुटकी बजाते नहीं निकाला जा सकता है । जानकारों की माने तो 30 के बाद महिलाओं की हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है । मेनोपॉज के बाद तेजी से शरीर में हार्मोन में बदलाव होता है और कैल्शियम की कमी भी तेजी से देखने को मिलती है । लिहाजा , इस समस्या से बचने के लिए आपको तैयारी पहले से करनी होती है । बकौल डॉ . विनीता , ' बचपन से हमें अपनी खुराक में जरूरी पोषण , कैल्शियम और व्यायाम को शामिल करलेना चाहिए । आपकी व्यायाम की आदत कैल्शियम के अवशोषण में मददगार होती है । बचपन का पोषण इन समस्याओं से बचा सकता है ।
गठिया है बड़ी समस्या (gout) :-
अध्ययन में पाया गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा आर्थराइटिस की शिकार होती है और उन्हें दर्द भी पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है । एस्ट्रोजेन हार्मोन सूजन में नियंत्रण रखता है , पर मेनोपॉज के बाद इस हार्मोन के स्राव में कमी आती है और गठिया महिलाओं को घेरलेती है । वजन भी इसमें अपनी भूमिका निभाता है । जितना अधिक वजन , उतना ज्यादा गठिया काडर।यह समस्या मांसे बेटी कोमिल सकती है यानी यह वंशानुगत हो सकती है ।
थाइरॉयड बढ़ाता है दर्द (thyroid) :-
थकान , बढ़ता वजन , हाथों का कंपन और मांसपेशियों में कमजोरी आदि थाइरॉयड का संकेत हो सकते हैं । इस बाबत डॉ . अनिल बंसल कहते हैं कि थाइरॉयड की समस्या अगर ज्यादा बढ़ गई , तो वह कैंसरका कारण भी बन सकती है , जो बढ़ने पर गले के रास्ते पूरे शरीर में कहीं भी फैल सकता है । इस समस्या से बचने के लिए अपनी खुराक में आयोडीन को जगह दीजिए ।
व्यायाम आएगा काम -
महिलाओं में जोड़ों और हड्डियों का दर्द बेहद आम हैं । इन समस्याओं से बचने या दर्द को कम करने के लिए नियमित व्यायाम का नुस्खा आपके काम आएगा । अपने वजन को कम करने और तंदुरुस्त रहने के लिए जपिंग जैक , हाई नी रन , स्क्वैट , ट्विस्टिग , साइड वेड्स , क्रचेज , सिंगल लेग रेज , क्रॉस क्रचेज आदि को शामिल करना चाहिए । फिटनेस एक्सपर्ट आशीय मिश्रा की मानें तो कमर में दर्द है , तो सुपर मैन , कैट एंड कैमेल , लोअर बैक रोटेशन जैसे व्यायाम आपको जरूर करने चाहिए । इस स्थिति में आपको वजन उठाने और ज्यादा देर बैठने या खड़े होने से परहेज करना चाहिए । अगर आपको घुटनों में तकलीफ है तो स्क्वैट बिल्कुल न करें । आपके लिए आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज अच्छी रहेगी , जिसे आप सीधे कुर्सी पर बैटकर विशेष कोण पर पैरों को उठाकर आराम से कर सकती हैं ।
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