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हलासन करने की सही विधि, लाभ तथा सावधानियां || Halasana in Hindi

 हलासन करने की सही विधि, लाभ तथा सावधानियां 

Halasana in Hindi


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Halasana


     दोस्तों , आज हम बात करने वाले हैं Halasana  के बारे में आज हम आपको Halasana in Hindi की संपूर्ण जानकारी देंगे तथा इसे करने की सही विधि, लाभ तथा हानि तथा विशेषताओं के बारे में। अगर आपके मन में कोई सवाल है नीचे कमेंट में बता सकते हैं, आपको जल्द ही उसका reply  देंगे । आइए जानते हैं Halasana in Hindi के बारे में  -


शाब्दिक अर्थ :- 
Word's meaning :-

  •  हल का अर्थ होता है लांगल ( खेतों में उपयोग किए जाने वाले एक औज़ार  ) । यह आसन भी सर्वांगासन का  एक रूप है ।


 हलासन करने की विधि : -
Halasana karne ki vidhi :-

     शवासन की स्थिति में लेट जाएँ । पैरों को समानांतर उठाते हुए सर्वांगासन की स्थिति से होते हुए पैरों को पीछे की ओर ( सिर की तरफ़ ) ले आए । पैर के पंजों को ज़मीन से स्पर्श कराएँ । ध्यान रखें इस स्थिति में पैरों को लंबवत् ही मोड़कर ज़मीन पर स्पर्श करना है , इस स्थिति में जालंधर बंध आप ही लग जाता है । हाथों की स्थिति दो प्रकार से भी कर सकते हैं । पहली स्थिति में हाथ ज़मीन पर या नितम्ब के नीचे रहने दें । दूसरी स्थिति में अपने हाथों से पैरों के पंजों को छुए । minimum 10 से 15 सेकंड  करने के बाद धीरे - धीरे वापस शवासन की स्थिति में आ जाएँ ।


 श्वासक्रम / समय :-
Breathing / Timing :-

     पूर्ण स्थिति में जाते समय श्वास को अन्दर रोकें एवं पूर्ण स्थिति बन जाने के बाद aaram-aaram से श्वास - प्रश्वास करें तथा मूल स्थिति में वापिस आते time अंतःकुंभक करें । अभ्यास हो जाने पर 5-7 मिनट तक हलासन की स्थिति में ही रहें । 


हलासन करते समय ध्यान : -

  • विशुद्धि चक्र पर । 


हलासन के लाभ :-
Halasana ke Fayde :-

 ० यह आसन भी यौवन प्रदान करता है । रीढ़ की हड्डी एवं कमर को बुढ़ापे तक झुकने नहीं देता है । 

० हृदय एवं पीठ को बल प्रदान करता है । 

० ब्लड का पूर्ण संचार कर रक्त को शुद्धि देता हुआ जठराग्नि को उद्दीप्त करके भूख को बढ़ाता है । 

० यौन शक्ति को यथावत् रखता हुआ यौन - विकार का नाश करता है ।

० चेहरे का निखार बढ़ाता है । 

० यह आसन सूक्ष्म तंत्रिका तंत्र को सशक्त बनाता है । 

 इस आसन से आलस्य दूर हो जाता है । 

० कार्य करने की क्षमता बढ़ती है । 

० पृष्ठ भाग की पीड़ा को शांत करता है । 

० मन प्रसन्न करता है । 

 ग्रीवा सम्बंधी रोगों को दूर करता है । 

० गर्भाशय को मज़बूती प्रदान करता है । 

० क़ब्ज़ नाशक है । 

० थायराइड में लाभ प्राप्त होता है । 

० किडनी को सुचारु करता है । मोटापा को दूर करता है एवं छोटी आंत व बड़ी आंत को क्रियाशील बनाता है ।


 हलासन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ :-
Precautions of Halasana :-

 ० कड़क शरीर वाले या रीढ़ की हड्डी में चोट वाले इस आसन को उचित देख - रेख में करें । 

० साइटिका , स्लिप डिस्क , हार्निया , अति उच्च रक्तचाप वाले रोगी इस आसन को न करें । 


विशेष :-
special :-

  •  हलासन के बाद , चक्रासन , मत्स्यासन और  वज्रासन या पीछे झुककर किए जाने वाले आसनो को करें ।

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